Lucknow News: सुप्रीम कोर्ट ने एक वैवाहिक विवाद में फैसला सुनाते हुए पति-पत्नी के रिश्ते को तलाक़ के जरिए खत्म कर दिया.  कोर्ट ने पति को निर्देश दिया है कि वह पत्नी को एकमुश्त 5 करोड़ रुपये गुजारा भत्ता के तौर पर दें. इसके साथ ही 23 वर्षीय बेटे की वित्तीय सुरक्षा के लिए 1 करोड़ रुपये अलग से प्रावधान करने को भी कहा गया है. मामला दुबई की बैंक में सीईओ प्रवीण कुमार जैन और उनकी पत्नी अंजू जैन के तलाक का है.


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20 साल से अलग थे पति-पत्नी
इस मामले में पति-पत्नी शादी के बाद सिर्फ 5-6 साल तक साथ रहे और लगभग 20 साल से अलग रह रहे हैं. कोर्ट ने पाया कि जब वे साथ थे, तब भी उनके रिश्ते खराब थे और दोनों ने एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए. प्रवीण ने आरोप लगाया कि अंजू क्रूर है. वह उनके परिवार के साथ उदासीनता से पेश आती थी. दूसरी ओर अंजू ने आरोप लगाया था कि प्रवीण का व्यवहार उसके प्रति अच्छा नहीं था. 


सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब रिश्ते सुधारने की कोई गुंजाइश नहीं बची है. इसलिए, संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत मिली विशेष शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए शादी को खत्म करने की इजाजत दे दी गई.  


आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए फैसला
पति प्रवीण कुमार जैन दुबई में एक बैंक के CEO के रूप में काम कर रहा है और उसकी मासिक आय 10-12 लाख रुपये है, जबकि पत्नी बेरोजगार है. कोर्ट ने कहा कि पत्नी को 5 करोड़ रुपये की एकमुश्त राशि देना उचित है, ताकि उसका जीवन स्तर सभ्य बना रहे.  


बेटे के लिए 1 करोड़ की व्यवस्था
भले ही बेटा इंजीनियरिंग की डिग्री ले चुका है, लेकिन वर्तमान समय में यह रोजगार की गारंटी नहीं है. ऐसे में कोर्ट ने बेटे के भविष्य की सुरक्षा के लिए 1 करोड़ रुपये का प्रावधान करने का निर्देश दिया है.  


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