लखनऊ: राजकीय इंटर कॉलेजों में सहायक अध्यापक और प्रवक्ता भर्ती के लिए समकक्ष अर्हता का विवाद आखिरकार सुलझा लिया और अब जीआईसी में शिक्षक भर्ती के लिए समकक्ष अर्हता हटा दी गई है और अब जल्द ही शिक्षक भर्ती शुरू कर दी जाएगी. शिक्षा निदेशालय ने अर्हता विवाद को सुलझाते हुए उस पर मंजूरी देने के लिए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) को भेजा है. मंजूरी मिलते ही शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को जल्द से जल्द शुरू कर दी जाएगी. 


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विवाद हुआ और मामाले हाईकोर्ट तक जा पहुंचा
आपको बता दें कि राजकीय विद्यालयों में काफी वैकेंसी है, सहायक अध्यापक और प्रवक्ता के करीब सात हजार पद खाली हैं. शिक्षा निदेशालय से यूपीपीएससी को अधियाचन भेज दिया गया था ताकि इन पदों पर भर्ती किए जा सकें. यूपीपीएससी ने शिक्षक की समकक्ष अर्हता स्पष्ट करने को शिक्षा निदेशालय से कहा था. दरअसल, कई बार समकक्ष अर्हता को लेकर विवाद हुआ और मामाले हाईकोर्ट तक जा पहुंचा. 


पर मंजूरी मिलने का इंतजार 
अपर निदेशक राजकीय अजय द्विवेदी ने इस संबंध में जानकारी दी है कि शिक्षक भर्ती के लिए  विधि द्वारा स्थापित विश्वविद्यालयों की डिग्री मान्य होगी. बताया गया कि विषय वार पद के लिए अर्हता स्पष्ट रहेगी. अब पद के सापेक्ष अर्हता स्पष्ट की जाएगी और इस तरह से विवाद नहीं होगा. अर्हता से समकक्षता हटाया गया  है. अब केवल यूपीपीएससी से इस पर मंजूरी मिलने का इंतजार है. इसके बाद अधियाचन भेजा जाएगा.


अर्हता से समकक्ष शब्द हटा दिया गया
पदों के सापेक्ष अर्हता का विभाग द्वारा तय किया जा और फिर जब भर्ती के बाद अर्हता का विवाद कोर्ट पहुंचा तब आयोग जवाब नहीं दे सका. ऐसे में आयोग ने 2021 में हुई भर्ती के बाद से आए अधियाचन वापस कर दिया था जिसके बाद से ही मामला शासन और शिक्षा निदेशालय के बीच लंबित रहा था. शिक्षकों की भर्ती के लिए तय अर्हता से समकक्ष शब्द हटा दिया गया.


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