Rae Bareily News: फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट का मास्टरमाइंड दबोचा गया, यूपी समेत 5 राज्यों में फैला था जन्म प्रमाणपत्र का रैकेट
Rae Bareily Fake Birth Certificate: यूपी एटीएस ने आज एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया जो लोगों के फर्जी जन्म- मृत्यु प्रमाण पत्र बनाता था. एटीएस और पुलिस से इसके मास्टरमाइंड सहित 17 आरोपियों को को गिरफ्तार कर लिया है.
Rae Bareily: यूपी के रायबरेली जिले में बन रहे फर्जी प्रमाण पत्र मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. यूपी एटीएस ने फरार चल रहे मास्टमाइंड रविकेश को पकड़ लिया है. सिर्फ यूपी ही नहीं बल्कि पांच राज्यों में उसने अपना मजबूत नेटवर्क फैला रखा था जहां से वह प्रमाणपत्र बनवाने का ठेका लेता था. कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) के जरिए एटीएस रविकेश तक पहुंची है.
17 आरोपियों को भेजी जेल
रायबरेली के सलोन तहसील क्षेत्र के साथ ही फर्जी जन्म प्रमाणपत्र का खुलासा अन्य जिलों में भी हुआ जिसमें एटीएस और पुलिस टीम ने 17 आरोपियों को पहले ही जेल भेज दिया था, लेकिन पूरे फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड रविकेश हाथ नहीं आ रहा था. एटीएस ने उसे भी शनिवार रात लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया. पुलिस सूत्रों के अनुसार बिहार के अलावा हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश में रविकेश फर्जी प्रमाणपत्र बनवाने का ठेका लेता था. हाथरस जिले के जिस छोटे से गांव सिचवाली सानी से 47 जिलों और छह राज्यों के लोगों के जन्म प्रमाणपत्र जारी किए गए थे, उसमें भी रविकेश का नाम सामने आया था.
जेल भेजे गए आरोपियों से करता था बात
यूपी के सोनभद्र, संतकबीरनगर, गोरखपुर, कुशीनगर, प्रतापगढ़, अंबेडकर नगर, महराजगंज, प्रयागराज, शाहजहांपुर, मुरादाबाद, बलिया, बहराइच, अमेठी जिलों में प्रमाणपत्रों के फर्जीवाड़ा में भी इसी का हाथ रहा है. पुलिस के अनुसार रविकेश जेल भेजे गए आरोपियों से भी बातचीत करता था. ऐसे में कॉल डिटेल, वाट्सअप ग्रुप, लैपटॉप व कंप्यूटर खंगाले गए तो रविकेश के फर्जीवाड़े में शामिल होने की जानकारी मिली थी.
रविकेश के पोर्टल से जुड़े थे 4100 यूजर
रविकेश फर्जी प्रमाणपत्र बनाने के लिए साल 2022 में www.crsogovr.in और साल 2023 में www.thidashboard.in नाम से पोर्टल तैयार किया था. फेसबुक पेज के जरीए से उत्तर प्रदेश व बिहार के लोगों को फर्जी प्रमाणपत्र बनाने वाले गैंग में शामिल किया, जिसमें बहुत से जन सेवा केंद्र संचालक भी थे. उसके पोर्टल पर करीब 4100 यूजर हैं, जिसमें 1500 सक्रिय हैं. उनके माध्यम से वह प्रतिदिन दो से तीन हजार रुपये कमा लेता था.
जीशान के भांजे से बातचीत के मिले पुख्ता प्रमाणपत्र
सलोन के जन सेवा केंद्र संचालक जीशान के नाबालिग भांजे और फर्जीवाड़ा के मास्टरमाइंड रविकेश के बीच बातचीत के पुख्ता प्रमाणपत्र मिले हैं. जांच में इस बात की पुष्टि हुई है कि जीशान तो ज्यादातर लखनऊ में रहता था. उसका भांजा ही काम संभालता था. रविकेश के कहने पर ही भांजा फर्जी प्रमाणपत्र तैयार करता था.
अन्य आरोपी भी एटीएस की रडार पर
रविकेश से पूछताछ में एटीएस को अन्य लोगों के भी फर्जीवाड़े में शामिल होने की जानकारी मिली है. एटीएस के मुताबिक ग्राम विकास अधिकारियों की आईडी व पासवर्ड का दुरुपयोग करके जन्म प्रमाणपत्र बनाए गए हैं. ऐसे में संबंधित ग्राम विकास अधिकारी भी रडार पर हैं.