लखनऊ: उत्तर प्रदेश में साल 2024 में होने वाली हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा के लिए 43 जिलों के 253 स्कूलों को यूपी बोर्ड के द्वारा डिबार कर दिया गया है. सचिव दिब्यकांत शुक्ल की ओर से 23 नवंबर को सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को एक पत्र भेजकर इस संबंध में निर्देशित किया गया है. पत्र दिए निर्देश के अनुसार किसी भी सूरत में इन स्कूलों को परीक्षा केंद्र न बनाया जाए. इन स्कूलों में सबसे अधिक 36 प्रयागराज के हैं जिनको 2024 की बोर्ड परीक्षा से डिबार कर दिया गया है.  


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एसटीएफ की रिपोर्ट 
नकल के लिए अपनी पहचान खराब कर चुके स्कूलों में अलीगढ़ के 29, गाजीपुर के 22 के साथ ही वाराणसी के 16, लखनऊ के 14, आगरा व गोरखपुर के 11-11 स्कूल शामिल हैं. बदनाम स्कूलों में कुशीनगर, बलिया व बहराइच के 10-10 स्कूल के नाम शामिल हैं. बोर्ड के संशोधित कार्यक्रम के मुताबिक परीक्षा केंद्रों की आखिरी लिस्ट दस दिसंबर तक जारी कर दी जाएगी. वैसे जिलों से मिली सूचना पर गौर करें तो 7864 केंद्रों को बोर्ड के द्वारा प्रस्तावित किया गया है जो कि 2023 की बोर्ड परीक्षाओं में बनाए गए केंद्र 8753 से 889 कम संख्या में है. पिछले साल  की बात करें तो बोर्ड परीक्षा से 432 स्कूल डिबार किया गया, जिसमें 169 परीक्षा में गड़बड़ी की वजह से डिबार किए गए. मान्यता प्रत्याहरण के कारण 176 स्कूल जबकि एसटीएफ की रिपोर्ट के आधार पर 87 स्कूल को केंद्र नहीं बनाए गए थे। 


स्टैटिक मजिस्ट्रेट के स्ट्रांग रूम की चाबी 
नकलविहीन व शुचितापूर्ण परीक्षा कराने के लिए बोर्ड सख्त है. सामूहिक नकल जैसे बहुत ही गंभीर आरोप में स्कूलों को डिबार करने की कार्रवाई तो की गई लेकिन स्टैटिक मजिस्ट्रेट के पास स्ट्रांग रूम की चाबी नहीं होने पर भी स्कूलों को परीक्षा केंद्र बनाने पर रोक लगा दी गई. प्रयागराज में कई सेंटर 2024 से लेकर 2026 तक यानी तीन साल के लिए डिबार किए गए हैं जिनमें केदारनाथ जायसवाल इंटर कॉलेज नैनी के साथ ही कमला स्मारक इंटर कॉलेज नैनी व राजरानी इंटर कॉलेज शंकरगढ़ नाम शामिल हैं.


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