Lucknow News: योगी सरकार वर्ष 2027 तक प्रदेश को मलेरिया मुक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है. ऐसे में योगी सरकार मलेरिया के हर केस की जांच व हर मरीज के पूर्ण इलाज पर जोर दे रही है. सीएम योगी की मंशा के अनुरुप राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत जून को मलेरियारोधी माह के तौर पर मनाया जा रहा है. बता दें कि प्रदेश में इस साल अब तक 771 मलेरिया के मरीज मिले हैं.


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केस रिपोर्टिंग और प्रबंधन पर जोर
मलेरिया उन्मूलन की दिशा में आ रही चुनौतियों को दूर करने के लिए भारत ने देश के विभिन्न हिस्सों में बेहतर केस रिपोर्टिंग और प्रबंधन पर जोर दिया है. वेक्टर नियंत्रण प्रक्रिया मे तेजी लाते हुए निरंतर महामारी विज्ञान और कीट विज्ञान निगरानी को बढ़ाया है. साथ ही सामुदायिक भागीदारी, प्रशिक्षण और क्षमता विकास पर बल दिया है. साथ ही क्षेत्रीय रणनीति तैयार कर उन्मूलन के लिए प्रतिबद्धता दर्शायी है. राज्य मलेरिया अधिकारी डॉ. विकास सिंघल ने बताया कि मलेरिया मामलों की रिपोर्टिंग और पूर्ण उपचार सुनिश्चित करने पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है.


सभी को किया गया है प्रशिक्षित
वास्तव में यह सुनिश्चित करने के लिए हर मामले की जांच और पूरा इलाज किया जाता है. सभी जिला मलेरिया अधिकारियों, संबंधित कर्मचारियों और प्रथम पंक्ति के कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया गया है. इसके साथ ही सभी जिलों मे मलेरिया की जांच के लिए रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट किट उपलब्ध कराई गई है. इस क्रम में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा अधिक से अधिक सर्वेक्षण कर बुखार पीड़ितों की मलेरिया की जांच की जा रही है. समुदाय में लोगों को मलेरिया से बचाव एवं लक्षणों के बारे में जागरूक किया जा रहा है.


लगातार की जा रही फॉगिंग  
राज्य मलेरिया अधिकारी ने बताया कि जून के आखिरी सप्ताह में मानसून आने की उम्मीद है. इस दौरान मच्छरजनित बीमारियां भी पनपती हैं. इनसे बचाव की व्यापक तैयारियों के मद्देनजर जून को मलेरिया माह के रूप मनाया जाता है. इसको लेकर शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है. मलेरिया मच्छरजनित बीमारी है. जो मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से होती है. इसके परजीवी के शरीर में प्रवेश करने के बाद 14 से 21 दिन के अंदर बुखार आता है. इससे बचाव के लिए सबसे जरूरी है कि इसके लक्षणों को पहचान कर इसका समय से इलाज किया जाए. तभी इसका पूर्ण इलाज और रोकथाम किया जा सकता है. लखनऊ की जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. रितु श्रीवास्तव ने बताया कि मच्छर नियत्रंण के लिए इंसेक्टिसाइड का छिड़काव और फॉगिंग की जा रही है. समुदाय को जागरूक करने के लिए गोष्ठियां की जा रही हैं. शहरी क्षेत्र में इन्सेक्ट कलेक्टर द्वारा उन क्षेत्रों की पहचान की जा रही है. जहां मच्छरों का घनत्व अधिक है और वहां पर प्रॉयरिटी के आधार पर इंसेक्टिसाइड का छिड़काव और फॉगिंग की जा रही है. शहरी क्षेत्र में यह काम नगर निगम तथा ग्रामीण क्षेत्र में पंचायत द्वारा किया जा रहा है. स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा डेंगू, मलेरिया से बचाव एवं लक्षणों के बारे में समुदाय को बताया जा रहा है एवं बुखार पीड़ितों की रैपिड डायग्नोस्टिक किट के द्वारा मलेरिया की जांच की जा रही है. 


मलेरिया के लक्षण 


  1. सर्दी व कंपन के साथ बुखार आना 

  2. तेज सिर दर्द, बुखार उतरने के समय अधिक पसीना आना 

  3. थकान, चक्कर आना, कमजोरी बढ़ना

  4. उल्टी आना 

  5. थोड़ी-थोड़ी देर में प्यास का लगना, हाथ व पैर में ऐंठन होना 


कैसे करें बचाव 


  1. घर व आसपास कहीं भी पानी इकट्ठा न होने दें 

  2. गमलों, छत पर पड़े पुराने टायर, प्रयोग में न आने वाली सामाग्री में पानी को एकत्र न होने दें 

  3. कूलर का पानी जल्दी-जल्दी बदलते रहें, समय-समय पर मिट्टी का तेल डालते रहें 

  4. सोते समय मच्छरदानी, मच्छररोधी क्वायल का प्रयोग करें

  5. पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें जिससे शरीर के अधिक से अधिक हिस्से को ढककर रखा जाए और मच्छरों से बचाव किया जाए

  6. गर्भवती इनसेक्टीसाइड ट्रीटेड मच्छरदानी (आईटीएन) में सोएं


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