Lucknow: महाकुंभ 2025 की तैयारियां जोरो-शोरो पर चल ही है. प्रदेश सरकार इसको लेकर सतर्क हो गई है. इन्हीं सबको देखते हुए अब सरकार ने महाकुंभ से पहले गंगा नदी के प्रदूषण को कम करने और उसके इको-सिस्टम को सुधारने के लिए बनी 5 परियोजनाओं को शनिवार को राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की 56वीं कार्यकारी समिति की बैठक में स्वीकृति मिल गई है. उत्तर प्रदेश के लिए 73.39 करोड़ रुपये की लागत वाली यह परियोजनाएं गंगा नदी के संरक्षण और सफाई के लिए महत्वपूर्ण होंगी. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

स्मार्ट लैबोरेटरी फार क्लीन रिवर परियोजना
नमामि गंगे और आईआईटी बीएचयू के बीच संस्थागत ढ़ांचे के तहत वाराणसी में स्मार्ट लैबोरेटरी फार क्लीन रिवर परियोजना के सचिवालय की स्थापना की जाएगी. यह परियोजना छोटी नदियों के कायाकलप के लिए एक महत्वाकांक्षी और महत्वपूर्ण पहल है. इस तरह की परियोजना का उद्देश्य नदियों को उनके प्राकृतिक रूप में वापस लाना, जलस्त्रोतों की रक्षा करना और पर्यावरणीय संतुलन को बहाल करना है. इसमें विश्वव्यापी विशेषज्ञता का उपयोग करके पानी की गुणवत्ता में सुधार, जल प्रबंधन के स्थायी तरीके और स्थानीय समुदायों की भागीदारी जैसी गतिविधियां शामिल है.  


काली नदी परियोजना को मंजूरी
तो वहीं, प्रदेश के बुलंदशहर के गुलावठी में गंगा की सहायक पूर्वी काली नदी के प्रदूषण को रोकने की परियोजना को मंजूरी मिली है. इशका उद्देश्य गंगा की सहायक पूर्वी काली नदी के प्रदूषण को रोकना है. इस परियोजना के अंतर्गत इंटरसेप्शन और डायवर्जन के साथ ही 10 एमएलडी क्षमता के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का भी निर्माण किया जाएगा. इस परियोजना की कुल अनुमानित लागत 50.98 करोड़ रुपए है, जिसमें अगले 15 वर्षों के लिए रखरखाव और प्रबंधन भी शामिल है. 


रायबरेली के डलमऊ में फीकल स्लज मैनेजमेंट परियोजना को मंजूरी
नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत रायबरेली के डलमऊ में गंगा नदी के प्रदूषण को कम करने के लिए फीकल स्लज मैनेजमेंट परियोजना को मंजूरी दी गई है. इस परियोजना के तहत 8 केएलडी क्षमता वाले प्लांट के साथ 15 किलोवाट के सोलर पॉवर प्लांट की भी स्थापना की जाएगी. यह परियोजना डीबीओटी मॉडल पर आधारित है, जिसकी कुल लागत 4.40 करोड़ रुपए है. परियोजना में इसके रखरखाव और प्रबंधन के लिए पांच साल तक की अवधि भी शामिल है.


छिवकी रेलवे स्टेशन पर अर्थ गंगा केंद्र की स्थापना
 प्रयागराज के छिवकी रेलवे स्टेशन पर अर्थ गंगा केंद्र की स्थापना और स्टेशन की ब्रांडिंग की परियोजना को मंजूरी दी गई है. इस परियोजना की कुल लागत 1.80 करोड़ रुपए होगी, जिसमें 68.70 लाख रुपए अगले पांच सालों तक इसके रखरखाव और प्रबंधन के लिए खर्च किए जाएंगे।. बैठक में यह भी सुझाव दिया गया कि गंगा बेसिन के हर राज्य में अर्थ गंगा केंद्रों का निर्माण किया जाना चाहिए. इस अर्थ गंगा केंद्र का मुख्य उद्देश्य महाकुंभ मेला और उसके बाद लोगों में गंगा और पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाना है.


लखनऊ गोमती नदी
निचले क्रम की धाराओं और सहायक नदियों के कायाकल्प को मिली मंजूरीबाबा साहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय, लखनऊ द्वारा प्रकृति-आधारित समाधानों के माध्यम से ऊपरी गोमती नदी बेसिन में निचले क्रम की धाराओं और सहायक नदियों के कायाकल्प की योजना को भी मंजूरी दी गई। इस परियोजना की अनुमानित लागत 81.09 लाख रुपए है। यह परियोजना बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि छोटी नदियां और धाराएं बड़ी नदियों के जल प्रवाह और पारिस्थितिकी तंत्र के लिए महत्वपूर्ण होती हैं. 


ये भी पढ़ें-  LPG Price Hike:यूपी में बढ़े कमर्शियल एलपीजी गैस सिलेंडर के दाम, कीमतें आज से लागू


उत्तर प्रदेश नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहाँ पढ़ें UP News lucknow News और पाएं UP Breaking News in Hindi हर पल की जानकारी. उत्तर प्रदेश की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार. जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!