लखनऊ: कानपुर-आगरा से बरेली तक यूपी के हर बड़े शहर में अब बंपर हाउसिंग स्कीमें आ सकती हैं, नई कॉलोनियां के निर्माण का रास्ता जल्द ही खुल सकता है. नया मास्टरप्लान तैयार किया जा रहा है. दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार बढ़ती आबादी पर गौर करते हुए अब यहां के शहरों की सीमाएं नए सिरे से निर्धारित करने वाली है. इसके तहत प्रस्तावित मास्टर प्लान में इसका ट्रायल भी किया जाएगा. इस ट्रायल से इस बात को जानने की कोशिश की जाएगी कि आखिर कितनी जमीन नई कालोनियों के लिए विकास प्राधिकरणों को दिए जाने का रास्ता साफ होना चाहिए. साथ ही इस बात का भी पता लगाया जाएगा कि आखिर शहरी सीमा से लगने वाले गांवों को आबादी में दर्ज किया जाए ताकि यहां की कालोनियों के वासियों को कई दिक्कत न हो पाए. ऐसे ही कई और बिंदुओं को लेकर परीक्षण का कार्य पूरा किया जाएगा और फिर एक नया मास्टर प्लान जारी होगा. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जनसंख्या के आधार पर नया प्लान
ध्यान देने वाली बात ये कि प्रदेश के सभी प्रमुख शहरों का जो मास्टर प्लान तैयार किया गया था वो साल 2021 की जनसंख्या के आधार पर किया गया था. अब मौजूदा समय के आधार पर शहरी दायरा कम पड़ने लगा है जिससे अधिकतर विकास प्राधिकरणों के पास भूमि ही नहीं कि वे आवासीय योजनाएं ला पाएं. प्रदेश के शहरों का एक नया मास्टर प्लान साल 2031 की जनसंख्या को ध्यान में रखकर ही अब तैयार किया जा रहा है. जिसमें आवासीय, व्यवसायिक, उद्योग से लेकर पार्क, ग्रीन क्षेत्र, रीवर फ्रंट, बाजार, से लेकर खेल का मैदान के लिए जमीन रखी जा रही है. 


और पढ़ें- Gorakhpur News: लखनऊ-बनारस के बाद सीएम सिटी गोरखपुर में गरजेगा बाबा का बुलडोजर, जटेपुर वालों को बस 7 दिन का अल्टीमेटम


और पढ़ें- Prayagraj News: लखनऊ के बाद प्रयागराज में 400 घरों पर चलेगा बुलडोजर, आखिर क्यों ढहाए जाएंगे ये आशियाने


इसके अलावा एसटीपी के साथ ही बस स्टॉप और ट्रांसपोर्ट नगर के साथ ही नॉलेज सिटी के लिए भूमि को आरक्षित किआजा रहा है. सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा निर्देश दिए जाने पर आवास विभाग मास्टर प्लान में चिह्नित सीमाओं का नए सिरे से परीक्षण करवाने के काम को पूरा कर रहा है ताकि क्षेत्रफल जनसंख्या के लिए कम न पड़े व सभी जरूरी सुविधाएं मिल सकें. 


ग्रीन क्षेत्र की भूमि पर बड़ा फैसला
नए मास्टर प्लान में जिस भूमि को पार्क और ग्रीन क्षेत्र के लिए आरक्षित की जाएगी उसका भू-उपयोग नहीं बदलेगा इस तरह की व्यवस्था की जाएगी. केवल सरकारी योजनाओं के लिए और जरूरत के आधार पर ही भू-उपयोग में केवल इस शर्त पर ही बदलाव किए जा सकेंगे कि किसी और जगह पर बदले की जमीन आरक्षित की जाएगी. फिलहाल पार्क और ग्रीन क्षेत्र की भूमि का मनमाने तरीके से भू-उपयोग बदलने के मामले हैं जिससे ग्रीन क्षेत्रफल में कमी आ रही है. आवास विभाग नया मास्टर प्लान जिन शहरों का जारी कर देगा उसी के आधार पर घरों को बनाने की अनुमति दी जाएगी.