लखनऊ: उत्तर प्रदेश के 100 से अधिक औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली-सड़क-सीवर-सफाई की अब रियल टाइम निगरानी की जाएगी.  इसके लिए देश में पहली बार यूपी के औद्योगिक क्षेत्रों में क्यूआर कोड सिस्टम लागू होगा. इसकी शुरुआत इन इलाकों में लगे 31 हजार बिजली के खंभों से कर दी गई है. इसके लिए  उप्र औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) में डाटा सेंटर बनाया गया है. किसी भी तरह की शिकायत होने पर फौरन उसका समाधान किया जाएगा.  यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनसेवाओं में अधिक से अधिक तकनीक के इस्तेमाल के निर्देश दिए हैं. 


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बनाया गया डाटा सेंटर
उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) में इसके लिए डाटा सेंटर बनाया गया है. यहां एक-एक शिकायत सिस्टम पर दर्ज की जाएगी और तत्काल उसका निस्तारण किया जाएगा. इन शिकायतों के अनुपात के आधार पर रखरखाव वाले फर्म पर पेनाल्टी लगाई जाएगी. अगर सुधार नहीं हुआ तो फर्म को ब्लैक लिस्ट भी किया जाएगा.


 बिजली के खंभों पर क्यूआर कोड 
उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने इसकी शुरुआत बिजली के खंभों पर क्यूआर कोड (QR code) लगाने के पायलट प्रोजेक्ट के साथ कर दी है. पहले चरण में 25 औद्योगिक इलाकों में लगे 15 हजार खंबों पर क्यूआर कोड लगाए जाएंगे. करीब 7000 खंभों पर काम पूरा किया जा चुका है.  इसके बाद यह व्यवस्था सड़क निर्माण संस्था, सीवर और सफाई में लागू की जाएगी. 


कैसे काम करेगा सिस्टम?
स्ट्रीट लाइट और खंभों  के लिए फर्मों के साथ 3 साल का सालाना रखरखाव की फीस तय की गई है. जब भी खंभों का क्यूआर कोड स्कैन किया जाएगा तो जिम्मेदार फर्म का नाम, रखरखाव की अवधि,फीस और दो मोबाइल नंबर (यूपीसीडा के प्रबंधक और सहायक प्रबंधक का) के सामने आ जाएंगे.  इस पर की गई कंप्लेन ठेकेदार के साथ यूपीसीडा के डाटा सेंटर में दर्ज होजाएगी.


हर इंडस्ट्रियल सेक्टर के व्हाट्सएप ग्रुप 
हर इंडस्ट्रियल सेक्टर के व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाए गए हैं.  इससे उद्यमियों को जोड़ा गया है.  वे भी शिकायतों को क्रास चेक कर सकेंगे. एक महीने में करीब 140 औद्योगिक इलाके (Industrial areas)  सीसीटीवी कैमरों से लैस किए जाएंगे. इसके लिए करीब 1400 कैमरों को टीवी स्क्रीन से जोड़ा जा रहा है.


शिकयतों के आधार पर लगेगी पेनाल्टी
औद्योगिक क्षेत्रों के मुख्य गेटों पर भी क्यूआर कोड लगाए जाएंगे.  यहां से पूरे इलाके की शिकायत हो सकेगी. पैनल सिस्टम के लिए अलग से निगरानी की व्यवस्था की जाएगी. एक पैनल से 40 खंभे जुड़े होते हैं. इस पैनल के बंद होते ही इसकी सूचना यूपीसीडा के कस्टमर रिलेशन डाटा सेंटर पर पहुंच जाएगी.  इसका कॉल सेंटर बनाया गया है. कॉन्ट्रैक्टर को होने वाले पेमेंट को भी इससे लिंक किया जाएगा.  जितनी शिकायतें आएंगी, उतनी ही पेनाल्टी लगाई जाएगी. इसके हिसाब से करीब 95 फीसदी से ज्यादा खंभों पर स्ट्रीट लाइट हर समय ठीक रखनी होगी.  इससे कम होने पर प्रति स्ट्रीट लाइट के आधार पर अलग से पेनाल्टी लगेगी. 


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