UP Lok Sabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव को लेकर सभी राजनैतिक दलों ने अपनी कमर कस ली है. देश की सभी राजनैतिक पार्टियां तैयार है. देश में सबसे ज्यादा लोकसभा सीटें होने के कराण उत्तर प्रदेश हमेशा सियासत में आगे रहता है. सपा ने चुनाव की तैयारियां भी शुरू कर रखी हैं. इसी कड़ी में लखनऊ में पार्टी का महामंथन भी हुआ. इसी बीच सपा के एक खास लिफाफे को लेकर चर्चा चल रही है. यूपी में समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, रालोद एक साथ इंडिया गठबंधन के घटक दल के तौर पर चुनाव लड़ने वाले हैं.


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आखिर क्या है सफेद लिफाफे का राज
इस बैठक में शामिल होने वाले सभी जिलाध्यक्ष, महानगर अध्यक्ष, विधायक, पिछला विधानसभा लड़ने वाले सभी सपा कैंडिडेट्स और विधानसभा के प्रभारियों के हाथों में एक सफेद लिफाफा देखा गया है. बैठको का ये सिलसिला अभी 11 जनवरी तक जारी रहेंगा. अब सबके मन में ये सवाल है कि आखिर इस लिफाफे था क्या? सूत्रों की मानें तो सपा के वो मंत्र छुपा हुआ है जिससे 2024   चुनाव में बाजेपी को हराने वाला है.  


सफेद लिफाफे में हैं ये मंत्र 
समाजवादी पार्टी की विचारधारा हो सकती है. कि बूथ स्तर पर पीडीए का मजबूत समीकरण बनाने की कोशिश की जाये.  हर उस कड़ी को मजबूत किया जाए जिसकी वजह से 2014-2019 के चुनाव में खामियाजा भुगतना पडा था. इस सफेद लिफाफे में ब्लॉक और तहसील के स्तर पर पार्टी को मजबूत करने का योजना भी हो सकती है. 


राम मंदिर पर बोलने से बचे
पांचवां सूत्र- सपा ब्लॉक इकाई गठित करें, सभी स्थानों पर ब्लॉक अध्यक्ष नियुक्त करें और इकाई अध्यक्ष बनायें. छठा मंत्र- पार्टी संगठन की निगरानी के लिए सभी जोन में प्रभारी बनाएं. सातवां मंत्र- अयोध्या राम मन्दिर के सवाल पर बोलने से बचे और बोलना हो तो कहें कि हमारा भगवान तो पीडीए है. सूत्रों के मुताबिक, आठवां मंत्र है- दूसरी पार्टी के मजबूत नेताओं की तलाश कर उन्हें पार्टी से जोड़ें. नौवां मंत्र- दलितों के घर-घर जायें और जाकर उनके घर रात्रि विश्राम करें. दसवां मंत्र- सवर्ण और खासकर ब्राह्मणों को जोड़ने के लिये ब्राह्मण नेता ब्राह्मणों के गांव जाकर उनके घर रात्रि विश्राम करें.


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