Electricity Rates may Hike: उत्तर प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को एक बार फिर महंगाई का झटका लगने वाला है. विद्युत नियामक आयोग (Uttar Pradesh State Electricity Regulatory Commission) ने बिजली कंपनियों द्वारा पहले दाखिल की वार्षिक राजस्व आवश्यकता संबंधी प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है. एआरआर पर सुनवाई से पहले आयोग ने बिजली कंपनियों से श्रेणीवार बिजली की दरों संबंधी सुझाव भी मांगा है. इसके अलावा यूपी में बिजली कनेक्शन लेना 40 से 50 प्रतिशत तक महंगा हो सकता है.


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यूपी में बिजली कनेक्शन लेना 40 से 50 प्रतिशत तक महंगा
यूपी में बिजली कनेक्शन लेना, नई लाइन बिछाना और नया ट्रांसफॉर्मर लगवाने जैसी सेवाएं अब महंगी हो सकती हैं. पावर कॉरपोरेशन ने विभिन्न उपभोक्ता सामग्री की कीमतों में बढ़ोतरी के लिए प्रस्ताव दिया है.  कई तरह के कनेक्शन में सिक्योरिटी राशि भी बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया है. पावर कॉरपोरेशन ने इसके लिए नियामक आयोग में प्रस्ताव दाखिल कर दिया है. अगर इसको मंजूरी मिल जाती है तो ग्रामीण इलाकों में बिजली कनेक्शन लेना करीब-करीब 44 फीसदी और उद्योगों के लिए कनेक्शन लेने की दरों में 50 से 100 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो सकती है.  इसके अलावा ट्रांसफॉर्मर, मीटर, पोल की कीमतों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया गया है.  प्रस्ताव में थ्री फेस मीटर की दरों में 19 प्रतिशत की कमी का प्रस्ताव दिया गया है.


ए कनेक्शन में सिक्योरिटी में बढ़ोतरी
श्रेणी                                       वर्तमानदर                प्रस्तावित दर                      बढ़ोतरी
स्मॉल एंड मीडियम पावर          1350 रु/किलोवाट      3000 रु/किलोवाट            122%
नॉन इंडस्ट्रियल लोड                4500 रु/केवीए          6000 रु/केवीए                 33%
लार्ज एंड हैवी                         2200 रु/किलोवाट      5000 रु/किलोवाट            127%
चार्जिंग सबस्टेशन                     400 रु/किलोवाट       3000 रु/किलोवाट            650%


विद्युत नियामक आयोग ने सुनवाई की प्रक्रिया आगे  बढ़ाई,UP में महंगाई का झटका
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग (Uttar Pradesh State Electricity Regulatory Commission) ने साल 2024-25 के लिए बिजली कंपनियों के वार्षिक के सुझाव को स्वाीकार करते हुए सुनवाई की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया है. आयोग ने बिजली कंपनियों को निर्देश दिए हैं कि वह श्रेणीवार बिजली की दरों का प्रस्ताव भी दाखिल करें और जनता के सामने सही स्थिति रखे जिससे सुनवाई शुरू की जा सके.


आयोग पर निर्णय
लोकसभा चुनाव से पहले ARR के साथ कंपनियों ने टैरिफ विवरण नहीं दाखिल कर बिजली की दरों में बढ़ोतरी करने का निर्णय आयोग पर छोड़ दिया था. एआरआर पर सुनवाई से पहले आयोग ने बिजली कंपनियों से श्रेणीवार बिजली की दरों संबंधी प्रपोजल भी मांगा है।


चार साल से राज्य में बिजली के दरें यथावत
टैरिफ प्रस्ताव नहीं दाखिल करने पर आयोग ने श्रेणीवार प्रस्तावित दरों का डाटा कंपनियों से मांगा है. कंपनियों का मौजूदा दरों से 11 हजार से ज्यादा करोड रुपये से ज्यादा के राजस्व के गैप रहने का अनुमान है.


तय करनी होंगी नई दरें
सुनवाई के दौरान आयोग को निममानुसार 120 दिनों के भीतर बिजली की दरों का निर्धारण करना होता है. प्रस्ताव पर आयोग विधिवत सुनवाई करेगा. अब तीन दिन में बिजली कंपनियां एआरआर संबंधी आंकड़े न्यूज पेपर्स में पब्लिश कराएंगी. बिजली की दरों का प्रस्ताव आने के बाद आयोग दरों को तय करने के लिए विधिवत सुनवाई करेगा.


1.45 लाख मिलियन यूनिट बिजली की आवश्यकता, 20 से 30 फीसदी तक बढ़ोतरी 
पिछले साल 30 नवंबर को  बिजली कंपनियों ने आयोग में 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का एआरआर प्रस्ताव दाखिल किया था. इस प्रस्ताव में 13.06 फीसदी लाइन हानियां रहने का अनुमान लगाते हुए लगभग 1.45 लाख मिलियन यूनिट बिजली की जरुरत बताई गई थी. ऐसा माना जा रहा था कि जितना राजस्व गैप दिखाया गया है, उसकी भरपाई के लिए दरों में 20 से 30 फीसदी तक बढ़ोतरी करनी होगी.


नहीं पड़ेगा एकदम से लोड
लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, इसलिए आयोग द्वारा मांगने पर कंपनियां जल्द ही श्रेणीवार दरों (category wise rates) का प्रस्ताव उसे सौंप सकती हैं. माना जा रहा है कि एकदम से दरों को 20-30 प्रतिशत नहीं बढ़ाकर कम से कम 10 प्रतिशत बढ़ोतरी प्रस्तावित की जा सकती है.


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