लखनऊ: उत्तर प्रदेश ज्यादातर अपने मंदिरों और प्राचीन धर्मस्थलों के लिए जाना जाता है. इसकी वजह से अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धर्मार्थ कार्य विभाग को जल्द से जल्द पोर्टल की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का आदेश दिया है. दरअसल, यूपी में प्रमुख मंदिरों, प्राचीन धर्मस्थलों की जानकारी ऑनलाइन मिलेगी. सूत्रों के अनुसार सीएम योगी आदित्यनाथ ने सोमवार की शाम विभाग के कामकाज की समीक्षा की, जिसमें उन्होंने धर्मस्थलों की जानकारी देने के लिए प्रस्तावित पोर्टल के डिजाइन पर विचार किया. 


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100 साल से ज्यादा पुराने
अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश के हर जिले में महत्वपूर्ण धार्मिक स्थानों का चिह्नांकन कर उनकी जानकारी जुटाई जा रही है. 100 साल से ज्यादा पुराने स्थानों को पहली प्राथमिकता दी जाती है. सीएम ने कहा कि पोर्टल पर जो भी जानकारी डाली जाएगी, उसकी प्रामाणिकता के हर पहलू को जांच लें. उन्होंने वैदिक विज्ञान केंद्र की प्रगति की जानकारी ली. सरकार ने इसके लिए बजट और पांच एकड़ जमीन भी दे दी है. वेद और ज्योतिष के विभिन्न क्षेत्रों में सका अध्ययन होगा. सूत्रों के अनुसार, केंद्र को आईआईटी, देश के प्रमुख विश्वविद्यालयों और कुछ विदेशी संस्थानों ने वैदिक विज्ञान की कई धाराओं में शोध करने का प्रस्ताव दिया है।


पुरोहित कल्याण बोर्ड
प्रदेश के पुजारियों, पुरोहितों और संतों को सहायता देने के लिए पुरोहित कल्याण बोर्ड भी बनाया जाएगा. इस योजना का लाभ 60 पार कर चुके पुजारियों को मिलेगा. जो 60 वर्ष से अधिक है उनकी आर्थिक सहायता, चिकित्सकीय सहायता और अन्य आवश्यकताओं को पूरा करने की प्रक्रिया निर्धारित की जाएगी. साथ ही, बैठक ने चयन की प्रक्रिया को तय करने और सर्वे की प्रक्रिया को तेज करने का निर्देश दिया है.