Uttar Pradesh News: UPPCL ने दक्षिणांचल और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण को लेकर बड़ा कदम उठाया है.  दोनों डिस्कॉम के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन को नए सिरे से कंपनी बनाने और निजीकरण के लिए निर्णय लेने का अधिकार दे दिया है.  इसके साथ ही निजीकरण के लिए मसौदा तैयार कर कैबिनेट से मंजूरी दिलाने का रास्ता साफ हो गया है.


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मंगलवार को प्रस्तावित कैबिनेट बैठक में इस मसौदे को मंजूरी मिलने की संभावना है.  मंजूरी के बाद निजीकरण को लेकर निविदा प्रक्रिया शुरू की जाएगी. यह प्रक्रिया सार्वजनिक-निजी भागीदारी  मॉडल पर आधारित होगी.


निजीकरण पर विवाद और कानूनी चुनौती
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने UPPCL के इस निर्णय को चुनौती देते हुए उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग में याचिका दायर की थी. याचिका में तर्क दिया गया कि विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 131(4) और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेशों के अनुसार, डिस्कॉम स्वतंत्र हैं, और पावर कॉरपोरेशन को उन पर निर्णय लेने का अधिकार नहीं है.


हालांकि, पावर कॉरपोरेशन ने नया रास्ता निकालते हुए डिस्कॉम के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से निजीकरण पर निर्णय लेने का अधिकार हासिल कर लिया है. माना जा रहा है कि अब निजीकरण की प्रक्रिया में कोई विधिक अड़चन नहीं रहेगी.


आगे की तैयारी
पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन ने ऊर्जा विभाग के माध्यम से कैबिनेट में मसौदा पेश करने की योजना बनाई है. प्रस्ताव पास होते ही, दोनों डिस्कॉम की बिजली आपूर्ति पांच निजी कंपनियों को सौंपे जाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. 


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