लखनऊ: योगी सरकार प्रदेश के सभी एक्सप्रेसवे पर पब्लिक इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन का नेटवर्क विकसित करने जा रही है. इस प्रोजेक्ट में यमुना एक्सप्रेसवे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे को सूची में शामिल किया गया है. इन सभी एक्सप्रेसवे पर ई- व्हीकल के लिए "बैटरी स्वैपिंग" वाले चार्जिंग स्टेशनों का विकास किया जाएगा. यूपीडा ने पीपीपी मॉडल पर आधारित इन चार्जिंग स्टेशनों को विकसित करने के लिए आवेदनकर्ताओं से आवेदन मांगे हैं. आरपीएफ प्रक्रिया में चार्ज प्वॉइंट ऑपरेट के लिए जरूरी- निर्देश जारी किए गए हैं. खास बात यह है कि चार्जिंग स्टेशंस के विकास के लिए चयनित आवेदनकर्ताओं को नॉमिनल लीज पर 10 वर्षों के लिए यूपीडा जमीन देगा. वहीं, बिहाइंड द मीटर पावर स्ट्रक्चर' के विकास के लिए यूपीडा 100 प्रतिशत फाइनेंशियल सपोर्ट भी देगा. 


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UPPCL की भी रहेगी अहम भूमिका
यूपीडा द्वारा पीपीपी मॉडल पर आधारित पब्लिक चार्जिंग स्टेशंस के लिए ई-टेंडर पोर्टल के जरिए 20 अक्टूबर को निविदा प्रस्तुत की गई है. 11 नवंबर से इच्छुक आवेदक आवेदन प्रस्तुत कर सकेंगे तथा 28 नवंबर इसकी अंतिम तिथि होगी जिसके उपरांत 29 नवंबर को निविदा खुलेगी. इसके लिए टेंडर फीस 5900 रुपए रखी गई है जबकि ईएमडी अमाउंट 5 लाख रुपए रखी गई है. इस निविदा के जरिए चार्ज प्वॉइंट ऑपरेटर का चयन होगा जो पब्लिक चार्जिंग स्टेशन का विकास करेगा और यूपीडा उसे भूमि आवंटन समेत तमाम सहूलियतें देगा. यूपीडा चार्ज प्वॉइंट ऑपरेटर को 'बिहाइंड द मीटर पावर स्ट्क्चर' के विकास के लिए 100 प्रतिशत फाइनेंशियल सपोर्ट भी देगा तथा इस प्रक्रिया में उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) अहम भूमिका रहेगी. 


सरकार का विजन है स्पष्ट
प्रदेश में इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए 2000 ईवी चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना की जाए.  इसमें से आगरा, लखनऊ, प्रयागराज समेत नगर पालिका युक्त शहरों में 1300, राम मंदिर, ताज महल जैसी हेरिटेज साइट्स में 100, मथुरा-वृंदावन व वाराणसी-अयोध्या जैसे टूरिस्ट डेस्टिनेशन प्लेसेज में 200 और प्रदेश के नेशनल व स्टेट हाइवे पर कुल 400 ईवी पब्लिक सर्विस स्टेशन स्थापित करने की दिशा में प्रयास कर रही है. उत्तर प्रदेश में वर्ष 2022 में नई इलेक्ट्रिक व्हीकल मैनुफैक्चरिंग व मोबिलिटी पॉलिसी को लागू की गई थी. जिसके जरिए प्रदेश में ईवी को विस्तृत प्रोत्साहन दिए जाने की दशा-दिशा तय की गई थी. इसमें रियायत, सब्सिडी समेत कई तरीके के प्रावधान किए गए हैं. ऐसा माना जा रहा है कि 2023 तक भारत में 10.2 करोड़ ईवी होंगे. इन्हें संचालित करने के लिए शहरों में हर तीन किमी पर, हाइवे पर हर 25 किमी पर तथा हेवी ड्यूटी व्हीकल्स वाली रोड पर 100 किमी पर पब्लिक ईवी चार्जिंग स्टेशंस की स्थापना में प्रयास किए जा रहे हैं. 


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