Ayodhya: राम नवमी के दिन दुनिया भर में प्रभु श्रीराम के भक्त उनकी पूजा अर्चना करते हैं. चैत्र नवरात्रि का समापन भगवान राम के जन्म उत्सव के साथ होता है. इस मौके पर भक्त भगवान राम की कुलदेवी के दर्शनों के लिए भी अयोध्या पहुँचते हैं. देवी भागवत में बड़ी देवकाली का वर्णन है, जिन्हें भगवान श्रीराम की कुलदेवी कहा गया है. पौराणिक मान्यता के अनुसार, मां बड़ी देवकाली का मंदिर भगवान श्रीरामचन्द्र के पूर्वज महाराज रघु ने बनवाया था. वैसे तो यहां साल भर श्रद्धालु आते हैं, लेकिन नवरात्र का अपना विशेष महत्व है.


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देवी कौशल्या ने की थी पूजा 
पुराणों के अनुसार जब श्री रामचन्द्र जी का जन्म हुआ था, उस समय राजा दशरथ की पत्नी और भगवान राम की माता  देवी कौशल्या पूरे परिवार के साथ बड़ी देवकाली मां के दर्शन करने गयी थी और वहां विधि विधान से पूजा अर्चना की.  इसके बाद इस मंदिर से जुड़ी परंपरा चली आ रही है कि जब भी किसी के घर में बच्चा होता है तो उसे परिवार के साथ मां बड़ी देवकाली के दर्शन को लाया जाता है. यह परंपरा युगों से चली आ रही है. मां देवकाली के दर्शन के बाद ही बालक के मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है. 


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मंदिर में हैं दिव्य शक्तियां 
बड़ी देवकाली का मन्दिर अद्भुत और आकर्षक है. मंदिर संगमरमर का बना हुआ है. देवकाली मंदिर के गर्भगृह में माता की मूर्ति स्थापित है, जो तीन महाशक्तियों का संगम है. महालक्ष्मी, महाकाली एवं महासरस्वती की प्रतिमा तीनों एक साथ ही विराजित हैं. मन्दिर का गर्भगृह गोलाकार है और इसकी छत पर गुम्बद बना हुआ है, जिस पर माता का लाल ध्वज फहराता है. बड़ी देवकाली मन्दिर के अहाते के अन्दर एक बहुत बड़ा कुंड है, जो रमणीय एवं दर्शनीय है. अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण के बाद यहाँ हर दिन हजारों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं इन में से बहुत कम भक्त देवकाली मंदिर के बारे में जानते हैं. लेकिन जो भी भक्त इस मंदिर का महत्त्व समझते हैं वो इसके दर्शन जरूर करते हैं.