गोली लगने से घायल कारोबारी इंद्रकांत की मौत, IPS मणिलाल पर लगाया था रंगदारी वसूलने का आरोप
इंद्रकांत त्रिपाठी ने बीते 7 सितंबर को एक वीडियो संदेश जारी कर तत्कालीन महोबा एसपी मणिलाल पाटीदार पर रंगदारी वसूलने का आरोप लगाते हुए अपनी हत्या की आशंका जताई थी. अगले ही दिन वह अपनी कार में गोली लगने से लहूलुहान मिले थे.
कानपुर: महोबा के खनन कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी की रविवार शाम कानपुर के रीजेंसी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. वह 8 सितंबर को अपनी कार में लहूलुहान मिले थे. उन्हें गोली मारी गई थी. रीजेंसी अस्पताल के डॉक्टरों के मुताबिक इंद्रकांत के वोकल कार्ड के लेरिंग्स यानी ठोड़ी पर लगी गोली गले के पीछे सर्वाइकल स्पाइनल कॉर्ड को छूती हुई निकल गई थी, जिसकी वजह उन्हें पैरालाइसिस अटैक पड़ था. उनका पूरा शरीर शिथिल पड़ गया था. बाद में उनके फेफड़ों में संक्रमण हो गया. उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया था. रविवार शाम 7 बजे के करीब उन्होंने दम तोड़ दिया.
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वीडियो वायरल होने के अलगे ही दिन इंद्रकांत को मारी गई गोली
आपको बता दें कि इंद्रकांत त्रिपाठी ने बीते 7 सितंबर को एक वीडियो संदेश जारी कर तत्कालीन महोबा एसपी मणिलाल पाटीदार पर गंभीर आरोप लगाते हुए अपनी हत्या की आशंका जताई थी. उन्होंने आईपीएस पर हर महीने 6 लाख रुपए की मांग करने और पैसे नहीं देने पर झूठे केस में फंसाने की धमकी देने का आरोप लगाया था. इंद्रकांत ने अपने वीडियो संदेश में कबरई थाना प्रभारी के मध्यस्थता करने की बात कही थी. इसके अलगे ही दिन उन्हें गोली मार दी गई थी. उनके परिजनों का आरोप है कि खुद को फंसता देख तत्कालीन महोबा एसपी मणिलाल पाटीदार ने ही इंद्रकांत पर गोली चलवाई.
देखें इंद्रकांत त्रिपाठी का वह वीडियो संदेश जिसमें वह आईपीएस मणिलाल पाटीदार पर आरोप लगा रहे हैं
आईपीएस मणिलाल पाटीदार पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इंद्रकांत के वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए आईपीएल मणिलाल को सस्पेंड कर दिया था और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7, 13 और आईपीसी की धारा 387, 307 और 120-B के तहत उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई थी. चरखारी थाने के निरीक्षक राकेश कुमार सरोज और खरेला के उप निरीक्षक राजू सिंह के खिलाफ भी जिले के कोतवाली थाने में केस दर्ज किया गया था. इंद्रकांत ने वीडियो वायरल करने से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर आईपीएस मणिलाल पाटीदार की शिकायत कर चुके थे. उन्होंने तब आईपीएस पाटीदार को हर महीने 5 लाख रुपए देने की बात कही थी.
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