इलाज के नाम पर कराया जा रहा था धर्म परिवर्तन, आरोपी ने कहा, धर्म बदल लो, पैसा भी मिलेगा और दवा भी
धर्मेन्द्र के बहकावे पर रमेश ने अपने घर से हिन्दू देवी देवताओं की मूर्तियां हटा दीं और हिन्दू धर्म के त्यौहार मनाने बंद कर दिये तथा रमेश की पत्नी ने अपने गले में पहना एक ताबीज निकालकर फेंक दिया.
बहराइच (उप्र): भारत- नेपाल सीमावर्ती रूपईडीहा में एक दलित को पत्नी के इलाज करवाने व धन का लालच देकर उसके परिवार का धर्मांतरण कराने की कोशिश में लगे ईसाई धर्म के एक प्रचारक को पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार किया है. पुलिस अधीक्षक गौरव ग्रोवर ने मंगलवार को बताया कि रूपईडीहा थानान्तर्गत रानीपुरवा गांव निवासी रमेश गौतम ने सोमवार को रूपईडीहा थाने में पुलिस को सूचना दी कि उसकी पत्नी आरती कई महीने से बीमार चल रही है. करीब चार माह पूर्व वह अपनी पत्नी का इलाज कराने के लिए रूपईडीहा स्थित प्रेम सेवा हास्पिटल ले गया था.
गौतम ने शिकायत में कहा कि अस्पताल में उसे एक व्यक्ति मिला जिसने अपना नाम धर्मेन्द्र सिंह बताया. धर्मेन्द्र हिन्दू धर्म से धर्मांतरित ईसाई है जो पड़ोसी नेपाल राष्ट्र के नेपालगंज में दर्जी का काम करता है. आरोपी धर्मेन्द्र सप्ताह में तीन दिन रूपईडीहा आता है तथा शेष दिनों में वह नेपाल रहता है.
शिकायत के मुताबिक आरोपी धर्मेन्द्र ने रमेश को कहा कि वह ईसाई धर्म का प्रचारक है और रमेश का परिवार यदि ईसाई धर्म स्वीकार कर ले तो ईसा मसीह की कृपा से वह ठीक हो जाएगी. इसके आलावा मिशनरी की तरफ से उसे पैसा मिलेगा तथा दवा भी मुफ्त मिलेगी.
पुलिस के मुताबिक रमेश ने बताया कि धर्मेन्द्र के कहने पर वह अपने पूरे परिवार सहित नियमित रूप से नेपाल स्थित एक चर्च में जाने लगा जहां वह उसे ईसाई धर्म की प्रार्थना सिखाता था. धर्मेन्द्र के बहकावे पर रमेश ने अपने घर से हिन्दू देवी देवताओं की मूर्तियां हटा दीं और हिन्दू धर्म के त्यौहार मनाने बंद कर दिये तथा रमेश की पत्नी ने अपने गले में पहना एक ताबीज निकालकर फेंक दिया.
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सूचना पर आरोपी के खिलाफ थाना रूपईडीहा में मुकदमा पंजीकृत कर आरोपी धर्मेंन्द्र को उक्त मिशनरी अस्पताल के सामने से गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने मामले की विवेचना शुरू कर दी है.
इनपुट भाषा से भी