कन्हैया लाल शर्मा/मथुरा: भाजपा महापौर विनोद अग्रवाल और नगर आयुक्त शशांक चौधरी के बीच की तनातनी पर अब किसी तरह का पर्दा नहीं रहा. दरअसल, दोनों के घमासान और बयान खुलकर सबके सामने आने लगे हैं. महापौर ने आरोप लगाते हुए कहा है कि अधिकारी योजनाओं को बढ़ाचढ़ाकर जनता को भ्रमित कर रहे हैं तुगलकी फरमान भेजकर उनको हस्ताक्षर करने के लिए दबाव बनाए जा रहे हैं. 


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अधिकारियों पर निशाना 
महापौर ने कहा कि अधिकारी उनसे बेहतर शहर की आवश्यकता को नहीं जानते हैं. अगर मुझे उनके निर्णय पर ही समर्पण करना है तो फिर उन्हें योजना की कमेटी का अध्यक्ष बनाने की जरूरत क्या है. अधिकारी स्वयं निर्णय लें व काम करवाएं उन्हें इससे किसी तरह की आपत्ति नहीं है. 


तमाम आरोप निराधार 
भाजपा महापौर का आरोप है कि जन प्रतिनिधियों की बात कम सुनी जाती है, पता नहीं किस प्रकार स्थिति सुधरेगी. विनोद अग्रवाल ने कहा कि अधिकारियों को सरकार ने कुछ ज्यादा ही अधिकार दिए हुए हैं. भाजपा मेयर विनोद अग्रवाल सीएम के कार्यक्रम में भी नहीं पहुंचे थे. आपको बता दें कि नगर निगम में महापौर और नगर आयुक्त के बीच लेटर वॉर भी दारी है. महापौर ने अपने ऊपर लगाए गए तमाम आरोपों को निराधार करार दिया है. 


गुमराह किया जा रहा है
हालांकि महापौर द्वारा नगर आयुक्त शशांक चौधरी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. अग्रवाल का आरोप है कि नगर आयुक्त ने मर्जी से नगर निगम के ठेके उठाए. उन्होंने 182 करोड़ की योजना को लेकर कहा कि ऐसी कोई योजना नहीं है, गुमराह किया जा रहा है. बता दें कि भाजपा मेयर पर 182 करोड़ की विकास योजना पर साइन नहीं करने के आरोप लगाए जा रहे हैं. 


घमासान सोशल मीडिया पर जा पहुंचा
भाजपा मेयर विनोद अग्रवाल और आईएएस नगर आयुक्त शशांक चौधरी का ये घमासान सोशल मीडिया पर जा पहुंचा हैं जहां पर मेयर ने नगर आयुक्त पर गंभीर आरोप लगाए हैं. वहीं दूसरी ओर नगर निगम के पार्षदों ने भी आरोप लगाए हैं कि निगम में विकास नहीं हो रहा है. हालांकि, नगर आयुक्त शशांक चौधरी ने किसी भी आरोप पर कुछ भी बोलने से इंकार करते रहे.


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