Amroha news: मामला कस्बा जोया के मोहल्ला जाटव कालोनी का है. जहा रामकुंवर सिंह के व्यक्ति के पास आकर बीते दो महीने से एक बंदर बैठ जाता था. रामकुंवर सिंह उसे खाने के लिए रोटी दे देते थे. बंदर का उनके पास प्रतिदिन का आना हो गया. वह उनके पास आकर बैठता और खाना खाने के बाद भी काफी देर तक उनके साथ खेलता रहता था. अब मंगलवार सुबह अचानक रामकुंवर का निधन हो गया.


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इंसानों के प्रति स्नेह
पालतू जानवरों का इंसानों के प्रति स्नेह तो अक्सर देखा जाता है, लेक‍िन दो वक्त की रोटी देने वाले व्यक्ति से एक बंदर का लगाव इतना बढ़ गया कि उनके निधन के बाद वह भी गमगीन रहा. वह न सिर्फ अर्थी के पास दिनभर बैठा रहा, बल्कि अंतिम संस्कार के लिए तिगरी तक गया. वाहन में रखी अर्थी से लिपट कर जोया से तिगरी धाम तक पहंचा. बंदर के इस प्रेम को देख कर लोग भी आश्चर्य चकित हो रहे थे.


बंदर की आंखों में आंसू
स्थानीय लोगों ने बताया कि बंदर की आंखों में आंसू भी थे. वह अंतिम संस्कार होने तक चिता के पास ही मौजूद रहा और वापस लोगों के सााथ जोया लौट आया. अब बुधवार को भी वह बंदर रामकुंवर के घर ही मौजूद है. हैरत की बात यह है कि उसने मंगलवार को भी कुछ नहीं खाया. बुधवार दोपहर रामकुंवर के स्वजन ने भोजन दिया तो कुछ खाना खाया. रामकुंवर के प्रति बंदर का लगाव देख कर लोग आश्चर्यचकित हो रहे थे.


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