कुलदीप चौहान/बागपत : उत्तर प्रदेश के बागपत में शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा और 1 अगस्त से बागपत के ऐतिहासिक परशुरामेश्वर महादेव मंदिर में लगने वाले मेले की तैयारियों को लेकर डीएम व एसपी ने निरीक्षण किया है. कांवड़ मार्गो का निरीक्षण कर सभी व्यवस्थाएं पूरे करने के संबंधित अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए है. 


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डीएम ने निरीक्षण कर मार्गो पर साइन बोर्ड लगाने और पानी व साफ-सफाई करने के निर्देश दिए है. एसपी ने सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रखने के चलते सभी को सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि कांवड़ यात्रा शुरू होने से पहले ही सारी व्यवस्थाओं को पूरा कर लिया जाए. 


मंदिर ऐतिहासिक क्यों है 
परशुरामेश्वर महादेव मंदिर बहुत ऐतिहासिक है और इस क्षेत्र को प्राचीकाल में कजरी वन के नाम से जाना जाता था क्योंकि इन्ही वनो में रहकर भगवान परशुराम जी ने अपनी मां को जीवित करने और पश्चाताप करने के लिए घोर तपस्या की थी जिसके कारण भगवान शिव नें उन्हें दर्शन दिए थे. उन्होंने भोलेनाथ से अपनी मां को जीवित करने के लिए वरदान मांगा था, जिसके चलते ही भगवान भोलेनाथ ने कहा था कि गोमुख से जल लाकर यहां शिवलिंग स्थापना करके जलाभिषेक करने से उनकी मांग पूरी हो जाएंगी. तभी यहां भगवान भोलेनाथ के परशुरामेश्वर महादेव मंदिर में शिवरात्रि के दिन जलाभिषेक होता है और इस बार 2 अगस्त को भगवान आशुतोष का जलाभिषेक किया जाएंगा.


लाखों की संख्या में आते है श्रद्धालु 
डीएम जेपी सिंह ने कहा कि बागपत के पुरा गांव में स्थित परशुरामेश्वर महादेव मंदिर ऐतिहासिक और प्रमुख शिवाल्यो में से एक है. यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं  खासकर  श्रावण की शिवरात्रि में तो श्रद्धालुओं की संख्या 8 से 10 लाख के आसपास हो जाती है. साथ ही कांवाडियों की व्यवस्था की तैयारियों का भी जायजा लिया गया है और मुजफ्फरनगर, मेरठ की दिशाओं से जो कांवाड़िये आते है वह बागपत, बड़ौत से होते हुए दिल्ली और हरियाणा की तरफ जाएंगे. 


उन रास्तों का भी निरीक्षण किया गया है और जिस-जिस भी रूट से कांवड़े जाएंगी, उन पर लाइट, पानी आदि की व्यवस्थाएं कराई जाएंगी. जिला पंचायत, पीडब्लूयुडी को सभी अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए है ताकि किसी भी श्रद्धालु को कोई दिक्क़त न हो.


व्यवस्थाओं को किया जाए सही
वहीं एसपी ने यह भी कहा है कि जनपद बागपत में कांवड़ मार्गो पर सभी विभागों के अधिकारियो के साथ निरीक्षण किया जाएंगा. इसमें पुलिस संबंधी जो भी व्यवस्था रखनी है, पार्किंग की व्यवस्था, रूट डाईवर्ट की व्यवस्था कहा रखनी है उसके लिए भी अधिकारियों को निर्देश दिए है. 22 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू हो जायेगी और कांवाड़िये आने शुरू हो जायेंगे उससे पहले पूरी व्यवस्थाएं सही कर ले ताकि कांवड़ के महीनें में और फेस्टिवल को दौरान कोई घटना हुए बगैर ही कार्यक्रम सही तरिके से खत्म हो जाएं. 


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