पारस गोयल/मेरठ: मेरठ का एक मासूम स्पाइनल मस्कुलर अट्रॉफी नाम की गंभीर बीमारी का शिकार हो गया है. इस मासूम के इलाज के लिए 17.5 करोड़ के इंजेक्शन की दरकार है .परिवार के लोग प्राइवेट नौकरी करते हैं. जिस के लिए यह रकम जुटा पाना नामुमकिन है, इसके बाद अब मासूम की जान बचाने के लिए परिवार ने पीएम और सीएम योगी आदित्यनाथ से मदद की गुहार लगाई है.


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मेरठ के किदवई नगर में रहने वाला जैन अभी महज 11 महीने का है. परिवार में जैन के आने की खुशी अभी मनाई ही जा रही थी कि उन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. जैन जब 6 महीने का था तो उसने अपने हाथ पैर हिलाना बंद कर दिया. परिवार के लोगों ने डॉक्टर से संपर्क साधा तो मेरठ के डॉक्टर को इस बीमारी कहानी समझ नहीं आई. जिसके बाद जैन को एम्स के डॉक्टर को दिखाया गया. 


डॉक्टर ने लंबे इलाज के बाद उसे स्पाइनल मस्कुलर अट्रॉफी नाम की एक बीमारी का मरीज बता डाला. इसके इलाज के लिए 17.5 करोड़ का एक इंजेक्शन 2 साल के भीतर लगाने की सलाह दी है. डॉक्टर की मानें तो यह अनुवांशिक बीमारी है, जिसे न्यूरो मस्कुलर डिसऑर्डर कहते हैं. लाखों में से एक बच्चे को यह बीमारी होती है. वहीं जैन के पिता अपने बच्चों को बचाने के लिए हर संभव प्रयास में जुटे हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मदद की गुहार लगाई है.


इसके अलावा सांसद राजेंद्र अग्रवाल से मिलकर मदद की अपील की है. सांसद में जैन की मदद के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखा है. जैन के पिता दिलशाद एक प्राइवेट नौकरी के सहारे अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं, परिवार में इसके पहले एक बेटी ने भी जन्म लिया था जो पूरी तरह से स्वस्थ है. जैन के पिता दिलशाद में मेरठ के लोगों से भी मदद की अपील की है, जिसके लिए सोशल मीडिया कैंपेन भी चलाया जा रहा है.