कौन है मुजफ्फरनगर की इमराना, जिसके कहने पर जावेद ने बना दिए 200 से ज्यादा टाइमर बम
Muzaffarnagar News: कौन है ये महिला जिसके कहने पर 200 से ज्यादा बम बना चुका है. जनपद मुजफ्फरनगर में एसटीएफ टीम द्वारा टाइमर बोतल बम के साथ आरोपी पकडे गए.
Muzaffarnagar News: उत्तर प्रदेश के जनपद मुजफ्फरनगर में एसटीएफ टीम द्वारा टाइमर बोतल बम के साथ आरोपी जावेद पकडे गए. सूत्रों के मुताबिक शामली जिले के गांव बंतीखेडा निवासी एक महिला के कहने पर बम तैयार किया. बताया जा रहा कि महिला पिछले 40 वर्षो से गांव में झाड़ फूंक का काम करती है. ग्रामीण माहिला की करतूत से पूरी तरह से अंजान है. वह बताते है कि इमराना का पति आजाद आजीविका चलाने के लिए मुजफ्फरनगर में रहकर दूध बेचने का काम करता है.
ग्रामीणों ने बताया कि इमराना पिछले 40 वर्षो से गांव में अपने पुश्तैनी मकान में गुरुवार व रविवार को आकर झाड़ फूंक का काम करती हैं. इस दिन काफी लोगों की भीड़ अपना इलाज कराने के लिए आते हैं. गुरुवार को भी इमराना अपनी बड़ी बेटी रूखसार के साथ झाड़ फूंक करने के लिए गांव में आई थी. ग्रामीणों के अनुसार उसका पति आजाद मुजफ्फरनगर में दूध बेचने का काम करता आ रहा है. इमराना के तीन पुत्रियां और एक पुत्र है. इमराना द्वारा बम बनवाये जाने की खबर से ग्रामीण पूरी तरह से अंजान है.
इमराना की इस करतूस से पूरी तरह से आर्श्चय है. हालांकि बाबरी पुलिस ने इमराना के घर पर जाकर पूछताछ की है. लेकिन वहां उन्हें कोई नही मिला , अब पुलिस उसकी तलास कर रही है. एक बड़े सवाल का जवाब पुलिस को तलाश करना है कि इमराना के कहने पर जो टाइमर बम तैयार किये गए उनका प्रयोग कहा करके आतंक फैलने का काम करना था. या फिर इमराना के कहने पर जो बम तैयार हुए उनको किसके पास आगे भेजने थे या वो खुद किसी बड़ी आतंकी घटना को अंजाम देने वाली है. एसटीएफ की रडार पर आई 40 वर्षीय इमराना पिछले 25 साल पहले अपने परिवार के साथ मुजफ्फरनगर में जाकर रहने लगी थी, लेकिन उसका गांव बंतीखेडा में लगातार आना जाना रहा है.
आरोपी के देवर का कहना
इस मामले में आरोपी के देवर का कहना है कि कई सालों से इमराना गांव के पैतृक घर में झाड़ फूक का काम करती है. कई सालों से गांव छोड़कर मुज़फ़्फ़र नगर रहना शुरू कर दिया था.वही आरोपी महिला इमराना का पति आजाद पशुओं को खरीदने ओर बेचने का काम करता है. इमराना का अब जो बम कांड में आरोप लगाये जा रहे हैं. उनके बारे में हम लोगों को कुछ नहीं पता है कि वह बाहर जाकर क्या करती है.