मेरठ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बीते दिनों मेरठ दौरे पर थे. वह यहां कोरोना महामारी के खिलाफ तैयारियों का जायजा लेने आए थे. इस दौरान वह जिले के बिजौली गांव भी पहुंचे थे. मुख्यमंत्री योगी ने बिजौली गांव में बने एक माइक्रो कंटेनमेंट जोन के बाहर खड़े होकर बुजुर्ग से बात की और उनका हालचाल जाना. कोरोना केस मिलने की वहज से खाट लगाकर और रस्सी बांधकर गली में प्रवेश रोका गया था.


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कोरोना के खिलाफ जंग में टीम लीडर CM योगी, संक्रमण से उबर 19 दिन में कर डाला 47 जिलों का दौरा


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बुजुर्ग के बीच बातचीत के इस वीडियो को गलत तरीके से वायरल करने पर यूथ कांग्रेस के वेस्ट यूपी अध्यक्ष ओमवीर यादव के खिलाफ खरखौदा थाने में एफआईआर हुई है. एसएचओ संजय शर्मा ने ओमवीर यादव के खिलाफ आईटी एक्ट और आईपीसी की धारा-505 के तहत मुकदमा दर्ज कराया है. 


क्या मुख्यमंत्री योगी को बुजुर्ग ने गली में आने से रोका? जानें वायरल वीडियो की क्या है सच्चाई


एसएचओ के अनुसार, 16 मई की रात 8.54 बजे ओमवीर यादव नामक वेरिफाइड ट्विटर हैंडल से मुख्यमंत्री की एक वीडियो डाली गई. इसमें बताया गया कि बिजौली गांव में एक बुजुर्ग ने मुख्यमंत्री को अपनी गली के बा​हर चारपाई खड़ी कर जाने से रोक दिया. एसएचओ ने कहा कि वीडियो एडिट करके गलत तरीके से वायरल की गई है. वहां ऐसा कुछ नहीं हुआ था.



मेरठ पुलिस इस बारे में पहले ही बयान जारी कर चुकी है कि मुख्यमंत्री जिस गली में गए, वह कंटेनमेंट जोन था. पुलिस ने ही चारपाई लगाई थी, ताकि लोग गली से बाहर नहीं आ सकें और बाहर से कोई गली में न जा सके. पुलिस के मुताबिक मुख्यमंत्री ने एक बुजुर्ग से हालचाल पूछा. बुजुर्ग ने उन्हें रामराम की और मुख्यमंत्री के जयकारे भी लगाए. 



वायरल वीडियो में भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बुजुर्ग के बीच हुई बातचीत सुनी जा सकती है. इस वीडियो को कांग्रेस नेता ओमवीर यादव समेत कई लोगों ने ट्विटर पर भ्रामक कॉन्टेंट के साथ पोस्ट किया था. उनकी मंशा यह प्रोपेगेंडा फैलाने की थी कि गांवों में लोग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा सरकार से खुश नहीं है. एक बुजुर्ग ने मुख्यमंत्री को वापस भेज दिया.


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