Milkipur Upchunav: यूपी में 10 सीटों पर उपचुनाव होना था लेकिन जब चुनाव आयोग ने घोषणा की तो ऐलान सिर्फ 9 सीटों का हुआ. जो सीट रह गई थी वह थी मिल्कीपुर. मिल्कीपुर सीट पर अब आने वाले कुछ दिनों तक चुनाव नहीं कराया जा सकता है. दरअसल इस सीट के संबंध में इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है. अगली सुनवाई आज से 15 दिन बाद होनी है. ऐसे में उपचुनाव नहीं हो सकता है. गुरुवार को इस सीट को लेकर सुनवाई हुई और आगे की तारीख मुकर्रर कर दी गई.


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आपको बता दें कि बीजेपी के पूर्व विधायक गोरखनाथ बाबा ने मिल्कीपुर में साल 2022 विधानसभा चुनाव के नतीजे को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. उस समय वे सपा नेता से चुनाव हार गए थे. दो साल तक मामला अदालत में चलता रहा. फिर 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद इस सीट से विधायक सांसद हो गए और उन्होंने इस्तीफा दे दिया. तब से इस सीट पर कोई विधायक ही नहीं है लेकिन पुराने मामले के चलते उपचुनाव नहीं हो पा रहा है.


गौरतलब है कि गोरखनाथ बाबा ने अवधेश प्रसाद के चुनाव जीतने के खिलाफ याचिका दाखिल की थी. गोरखनाथ का कहना है कि साल 2022 में नामांकन के समय अवधेश प्रसाद ने गलत दस्तावेज दिए थे. हलफनामे की तारीख बहुत पुरानी थी. इसके बावजूद 2022 में उनका नामांकन रद्द नहीं किया गया. गोरखनाथ ने 2022 के चुनाव को चुनौती देते हुए रिट दाखिल की थी. हालांकि इस सीट पर अब कोई विधायक नहीं है तो वे अपनी याचिका वापिस लेने को राजी हो गए हैं. लेकिन मामले पर सुनवाई चल रही है तो चुनाव हो नहीं सकते.


बीजेपी नेता गोरखनाथ के मुताबिक आज जब सुनवाई हुई तो अवधेश प्रसाद की ओर से पेश वकील ने गोरखनाथ द्वारा आवेदन वापस लेने का पुरजोर विरोध किया. अवधेश प्रसाद की ओर से कहा गया कि मामला वापस नहीं लिया जाना चाहिए और सभी पक्षों का विरोध अदालत के समक्ष दर्ज किया जाना चाहिए और उसके बाद ही याचिका वापस ली जा सकती है. गोरखनाथ ने कहा कि अवधेश प्रसाद के तर्क से साफ़ पता चलता है कि वे नहीं चाहते कि मिल्कीपुर में समय पर चुनाव हों और वे अनावश्यक रूप से मामले को लटकाना चाहते हैं.