नई दिल्ली: किसानों के विकास को लेकर मोदी सरकार दृढ़तापूर्व काम कर रही है. सरकार ने देशभर में 2025  तक करीब 10 हजार नए Farmer Producer Organization (FPO) बनाने का प्रस्ताव जारी किया है. अगर प्रस्ताव पारित हो जाता है तो किसानों को बहुत फायदा मिलेगा, क्योंकि इन FPO की मदद से  किसानों को फसल की उपज से लेकर बिक्री तक कई सहूलियतें प्रदान की जाएंगी. बता दें, 2021 के बजट में इनके लिए 6865 रुपये आवंटित किए गए हैं. 


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3 साल के लिए मिलते हैं 18 लाख रुपये
बीते बुधवार पीएम मोदी ने संसद में बताया था कि FPO के जरिए किसानों को बाजार की मजबूती मिलेगी. ऐसे हर एफपीओ को तीन साल के लिए 18 लाख रुपये की वित्तीय सहायता मिलती है. लेकिन अब बजट आवंटन के बाद किसानों को ज्यादा फायदा मिलने की उम्मीदें हैं.


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किसानों को होंगे ये फायदे
FPO की मदद से वह किसान जिनके पास अपनी भूमि नहीं है, उनकी आय बढ़ाने में मदद मिलेगी. दरअसल, सामूहिक ताकत से कृषि को बेहतर इनपुट, टेक्नोलॉजी और आधुनिक मार्केटिंग के जरिए बाजार तक पहुंचने और अच्छे दाम पर फसल बेचने में सहायता मिलेगी. कृषि मंत्रायल ने जानकारी दी है कि सरकार द्वारा किए जा रहे इन प्रयासों से 2022 तक कृषि निर्यात (Export) दोगुना कर देने का इरादा है. 


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भारतीय खेती बदलेगी 'आत्मनिर्भर कृषि' में 
मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार भारतीय खेती को 'आत्मनिर्भर कृषि' में बदलने के लिए FPO एक अच्छा विकल्प हैं. माना जा रहा है कि इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था बेहतर होगी और ग्रामीण युवाओं के पास नौकरी के अवसर भी आएंगे.


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क्या होते हैं FPO
FPO की शुरुआत साल 2011-12 में हुई थी. ये किसानों के संगठन होते हैंस जिनमें कंपनी अधिनियम के तहत रजिस्टर्ड किसान उत्पादक कंपनी या किसान सहकारी समिति हो सकती है. इन कंपनियों के शेयरधारक भी किसान होते हैं. एफपीओ की मदद से किसान अपनी फसल व्यापारियों को बेचता है. साथ ही, उन्हें क्वालिटी इनपुट उपलब्ध कराने से लेकर उनके उत्पाद की शॉर्टिंग, सफाई, पैकेजिंग जैसी मदद मुहैया कराने की जिम्मेदारी भी इस संगठन की होती है. इससे किसानों को अपनी उपज का अच्छा दाम मिलता है.


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कहां बनाए जाएंगे FPO
जानकारी के मुताबिक ये FPO ऐसी जगह पर विकसित किए जाएंगे, जहां कृषि और वानिकी उत्पाद (Foresry Products) बड़े पैमाने पर होते हैं. बता दें, नए कृषि उत्पाद व्यापार एवं वाणिज्य अधिनियम 2020 (Agricultural Products Trade and Commerce Act 2020) में अब एफपीओ को भी 'किसान' माना गया है. 


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