Electricity Theft: संभल में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क पर बिजली चोरी की एफआईआर दर्ज की गई है. आरोप है कि सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क की कोठी में पिछले पांच महीने से बिजली चोरी की जा रही थी. कोठी में हर उपकरण इस्‍तेमाल होते रहे, लेकिन बिल जीरो आया. बिजली विभाग ने अब सपा सांसद पर एक करोड़ 91 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. तो आइये जानते हैं किन तरीकों से बिजली चोरी कर विभाग को लाखों करोड़ों का चूना लगाया जाता है. इन्‍हें रोकथाम के लिए क्‍या नियम हैं. 


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विभाग पर महंगी चपत लगाते हैं बिजली चोर
बिजली चोरी पर रोक लगाने के लिए मीटर लगाए गए. बिजली चोरों ने इसका तोड़ निकाल लिया. इसके बाद विभाग की ओर से स्‍मार्ट मीटर लगाया जा रहा है. हालांकि, फ‍िर भी बिजली चोरी की घटनाओं पर लगाम नहीं लग पा रहा हैं. उपभोक्‍ताओं द्वारा इंजेक्शन के जरिए मीटर की स्क्रीन में एसिड डालकर स्क्रीन को खराब कर दिया जाता है. इसके चलते औसतन बिल विभाग की ओर से उपभोक्ता को भेजा जाता है. 


बिजली चोरी के लिए अपनाए जाते हैं ये तरीके
उपभोक्ताओं द्वारा बिजली मैकेनिक या जानकार से मीटर के लोड वायर को काट दिया जाता है. तार काटने से धारा प्रवाह कम हो जाता है. इसमें कभी कभी मीटर पूरी तरह से बंद भी हो जाता है. इसलिए इस काम को बहुत कम किया जाता है. ट्रांसफार्मर के जरिए भी बिजली चोरी की जाती है. इसमें तारों के कनेक्शन बदलकर आसानी से चोरी कर ली जाती है. इस तरह के चोरी के मामले भी सामने आए हैं. साथ ही मीटश्र के टर्मिनल बॉक्स में भी छेड़छाड़ कर बिजली चोरी की जा सकती है. इससे बिजली मीटर की गति को कम किया जा सकता है. 


मीटर में एक्‍सरे चिप से चोरी
इसके अलावा मीटर में रजिस्टेंस लगाकर बिजली चोरी की जा सकती है. यह तरीका पुराना है लेकिन इसका प्रयोग करक लोग आज भी मीटर को धीमा करते हैं. पुश बटन में ग्लिसरीन और पानी डालकर पुश बटन को जाम कर दिया जाता है. इसके जरिए मीटर खुल नहीं पाता था और डिस्प्ले के साथ छेड़छाड़ सामने नहीं आती है. मीटर में एक्सरे चिप के जरिए मीटर को काफी धीमा कर दिया जाता है. जिससे बिल कम आता है. 


 


 


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