ST Hasan: मुहर्रम में तलवार, चाकू और अन्य हथियार लहराने पर लगी पाबंदी को लेकर सियासी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब मुरादाबाद के पूर्व सांसद एसटी हसन ने कहा है कि मुहर्रम में हथियारों पर पाबंदी की तो है, लेकिन यह जायज नहीं है. ऐसी ही सख्ती सरकार कांवड़ यात्रा पर क्यों नहीं करती है. सड़क पर नमाज के खिलाफ आक्रामक पुलिस प्रशासन कांवड़ में तेज आवाज के डीजे पर क्यों चुप्पी साध लेता है? सरकार के इस फैसले पर उन्होंने बोला कि हथियारों पर पाबंदी सभी वर्गों की धार्मिक जुलूसों पर लगाना चाहिए. पिछले 200-300 सालों से ऐसी परंपरा चलती आ रही है. लेकिन कभी भी ऐसा नहीं हुआ है कि लोग हथियार चलाकर अपनी कला दिखा रहे हों और किसी भी इंसान की उससे मृत्यु हो गई हो. इसलिए इसको रोकने की जरूरत क्या है. 


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कांवड़ यात्रा पर साधा निशाना
एस टी हसन ने आगे बोले हुए इशारों में कांवड़ यात्रा पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि लोग हेवी डीजे लेकर जाते हैं. बीमार लोग और दिल के मरीज उनसे दूर-दूर भागते हैं. लेकिन फिर भी इनपर बैन नहीं लगा है. यहां तक की सुप्रीम कोर्ट और खुद मुख्यमंत्री जी का ये आदेश है कि कोई भी स्पीकर और डीजे 60 डेसीबल तक की लिमिट तक ही बजा सकते हैं. लेकिन इन हेवी डीजे वालों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है. वहीं अगर कहीं नमाज की आवाज स्पीकर पर तय किए मानक से ऊपर चली जाती है तो पुलिस वहां पर कार्रवाई करते हुए लाउड स्पीकर उतरवा देती है. सपा नेता ने आगे कहा कि अगर पुलिस और प्रशासन सभी के साथ इंसाफ करेगा तो किसी को भई ताई दिक्कत या दुशवारी नहीं होगी.


रुचि वीरा हैं अब मुरादाबाद से सांसद
आपको बता दें कि 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में मुरादाबाद से सपा प्रत्याशी के तौर पर एस टी हसन ने चुनाव में शिरकत करते हुए जीत हासिल की थी. लेकिन 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में सपा ने एस टी हसन का टिकट काटकर रुचि वीरा को अपना उम्मीदवार घोषित किया था. वहीं रुचि वीरा ने पार्टी की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए मुरादाबाद लोकसभा सीट एक बाद और सपा को जिताकर पार्टी सुप्रिमो के भरोसे को कायम रखा था. 


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