Sambhal Latest News in Hindi उत्तर प्रदेश का संभल जिला हिंसा के 15 दिन बीत जाने के बावजूद लगातार सुर्खियों में है. बुधवार को नए साल के पहले दिन वहां नई तस्वीर देखने को मिली, जब मुस्लिम बहुल इलाके से हिन्दुओं की शोभायात्रा निकली. यहां 46 साल बाद जो कार्तिकेय महादेव मंदिर खुला था, उस पर नव वर्ष को कार्यक्रम हुआ. बजरंगबली की जन्मस्थली माने जाने वाले कर्नाटक से किष्किंधा रथयात्रा  लेकर स्वामी गोविंदानंद सरस्वती महाराज बुधवार को यहां पहुंचे. फिर धूमधाम से शोभायात्रा निकली. लेकिन इस रथयात्रा में सबसे खास बात रही कि खुद संभल के सीओ अनुज चौधरी कंधे पर हनुमान की गदा रखकर भारी पुलिस फोर्स के साथ इसकी अगुवाई करते दिखे. इस मंदिर के दरवाजे खोले जाने के बाद से ही यहां भीड़ लगी हुई है.  


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सोशल मीडिया पर इसका वीडियो वायरल है. कई लोगों ने इसे बेवजह का शक्ति प्रदर्शन बताया है. कुछ ने सवाल उठाया कि जब संभल में बीएनएस की धारा 163 यानी धारा 144 लागू है तो इस रथयात्रा का अनुमति कैसे मिली. खुद पुलिस के आला अधिकारी क्यों इसकी अगुवाई कर रहे थे. क्या वर्दी में कोई सीओ ऐसे किसी धार्मिक आयोजन में भाग ले सकता है. क्या यूपी पुलिस के नियम कानून इसकी इजाजत देते हैं?



भल जामा मस्जिद सर्वे के आखिरी दिन भड़की हिंसा के दौरान भी सीओ अनुज चौधरी सुर्खियों में आए थे. जब उनसे हिंसा को लेकर सवाल पूछा गया था तो उन्होंने कहा था, हमने वर्दी पत्थर गोली खाने के लिए तो नहीं पहनी है. पुलिस को आत्मरक्षा का अधिकार है. अभी कुछ दिनों पहले एक यूट्यूबर की गिरफ्तारी का मामला भी उभरा था. वो यूट्यूबर अनुज चौधरी पर इंटरव्यू देने का दबाव बना रहा था, चौधरी और यूट्यूबर के बीच फोन पर काफी गरमागरमी भी हुई थी. बाद में वो यूट्यूबर गिरफ्तार हुआ. आरोप है कि पुलिस ने उसे बुरी तरह पीटा भी था.


शाहबुद्दीन बरेलवी का निशाना
संभल में तैनात सीओ अनुज चौधरी के किष्किंधा रथयात्रा में हाथ में गदा और बजरंगबली के जयकारे के मामले में बरेली के मौलाना शाहबुद्दीन ने आड़े हाथ लिया है, ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शाहबुद्दीन बरेलवी ने इस मौके पर कहा कि हमारा देश जम्हूरियत वाला देश है, और ऐसा करना पुलिस अधिकारियों को शोभा नहीं देता है, अनुज चौधरी को नसीहत देते हुए उन्होंने कहा कि एक धर्म विशेष के लिए ऐसा करना गलत है. मौलाना यासूब अब्बास ने भी कहा है कि सीओ अनुज चौधरी का यह कृत्य पुलिस प्रोटोकॉल औऱ नियमों के विरुद्ध है. वर्दी में कोई भी सरकारी सेवक किसी मजहब जाति से परे है और उसे ऐसा ही व्यवहार करना चाहिए.


मंत्री ने किया बचाव
वहीं उत्तर प्रदेश के समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने संभल के धार्मिक जुलूस में पुलिस अधिकारी के गदा लेकर चलने की तस्वीरों का बचाव किया. उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग में यह एक सामुदायिक पुलिसिंग होती है. ऐसे समाज के साथ बेहतर जुड़ाव के कारण होता है. उन्होंने कहा कि भारत में अभी पुलिसकर्मी वर्दी में हो और डांस कर रहे हों, इस बात के लिए देश की जनता नहीं तैयार है.


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