Sambhal Violence: संभल में हिंसा की घटना के बाद मस्जिद के सदर द्वारा पुलिस और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए गए थे. अब इसके संदर्भ में प्रशासन ने चीजें स्पष्ट की हैं. आज शाम संभल के जिलाधिकारी और कप्तान द्वारा मीडिया को संबोधित किया गया. इस दौरान डीएम ने कहा कि जामा मस्जिद के सदर ने भ्रामक बयान दिया है. जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने बताया कि सदर को मस्जिद के सर्वे की सूचना दी गई थी. इस महीने 19 तारीख को डीएम ने मस्जिद के सदर को पत्र दिया था जिसमें कहा गया कि मस्जिद में 200 लोग उपस्थित हो गए. उस दिन सर्वे नहीं हो सका था क्योंकि बहुत से लोग सर्वे का विरोध कर रहे थे. इसलिए दोबारा सर्वे किया जाएगा.


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23 तारीख को डीएम ने फोन किया लेकिन सदर ने बीमारी का हवाला दिया. इसके बाद प्रशासन के लोगों द्वारा दोबारा सर्वे की सूचना भी भेजी गई थी. कल सुबह सर्वे करने की बात बताई गई थी. डीएम ने कहा कि सदर के बयान में एकरूपता नहीं है और वे परस्पर विरोधाभासी बातें कर रहे हैं. सदर ने भ्रम फैलाया कि डीएम ने सर्वे का आदेश दिया है जबकि ऐसा आदेश जिलाधिकारी की ओर से नहीं दिया गया.


मामले पर एसपी केके बिश्नोई ने भी साफ किया कि मस्जिद के सदर को न तो गिरफ्तार किया न हिरासत में लिया गया. एसपी ने कहा कि गोली चलाने को लेकर प्रशासन द्वारा चर्चा करना भी झूठी बात है. मस्जिद के सदर से भीड़ नियंत्रित नहीं हो सकी थी. एसपी ने कहा कि उनके पास वही हथियार थे जो कि पुलिस बल के पास होते हैं देसी कट्टे होने की बात झूठ है. करीब से गोली मारे जाने की बात गलत है.


एसपी ने कहा कि सार्वजनिक सपंत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से पाई पाई वसूली जाएगी.


मस्जिद के सदर ने क्या कहा था


मस्जिद के सदर ने कहा था कि वजू के लिए जो पानी था उसे छोड़ने की वजह से हिंसा भड़की. लोगों को लगा कि मस्जिद की खुदाई हो रही है. हमने पब्लिक को समझाया. मामले में सदर ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए कि उनके चलते हिंसा भड़की. सदर का कहना था कि डीएम ने दूसरी बार सर्वे करवाया पहली बार जबकि हो चुका था. प्रशासन ने सर्वे को लेकर भ्रम रखा. पुलिस ने गोली चलाने को लेकर चर्चा की थी. 

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