Sambhal News: संभल में मिला हजारों साल पुराना ताल, जहां की मिट्टी से श्रीहरिहर मंदिर का निर्माण हुआ, आज वहां जामा मस्जिद
Sambhal News: संभल के जामा मस्जिद में भगवान विष्णु श्री हरि मंदिर होने के तमाम साक्ष्य सामने आ रहे है. अब जी मीडिया ने जामा मस्जिद के पूर्व में भगवान विष्णु का श्री हरि मंदिर होने का ऐसा साक्ष्य ढूंढ निकाला है. जिसे देखकर आप सभी हैरान रहे जाएंगे.
Sambhal News/सुनील सिंह: संभल के जामा मस्जिद में भगवान विष्णु श्री हरि मंदिर होने के तमाम साक्ष्य सामने आ रहे है. अब जी मीडिया ने जामा मस्जिद के पूर्व में भगवान विष्णु का श्री हरि मंदिर होने का ऐसा साक्ष्य ढूंढ निकाला है. जिसे देखकर आप सभी हैरान रहे जाएंगे.
मस्जिद में मिले मंदिर के साक्ष्य
संभल की जामा मस्जिद में भगवान विष्णु का श्री हरि मंदिर होंने के कई सबूत सामने आये हैं. पुरातत्व विद अतुल मिश्र और सरथल गांव के ग्रामीणों का दावा है, कि संभल के श्री हरि मंदिर, 68 तीर्थ और 19 कूप सहित संभल के सभी पौराणिक मंदिरों का निर्माण सरथल के रामसागर ताल की मिट्टी से किया गया था. संभल से 10 किलो मीटर की दूरी पर स्थित द्वापर युग के पौराणिक गांव सरथल का राम सागर ताल स्थित हैं.
खुदाई के दौरान मिलने वाले साक्ष्य
संभल की मस्जिद में भगवान श्री हरि मंदिर होंने के कई साक्ष्य सामने आये हैं. सरथल के द्वापर युग से भी अधिक प्राचीन होने के तमाम साक्ष्य सामने आए हैं जैसे भगवान विष्णु की मूर्ति , दिव्य शंख ,प्राचीन सिक्के. यह सभी साक्ष्य पुरातत्व विद अतुल मिश्र के संग्रहालय में मौजूद है. डेढ़ हजार वर्ष से भी अधिक प्राचीन यह सभी साक्ष्य सरथल की धरती से खुदाई के दौरान मिले है. द्वापर युग से भी अधिक प्राचीन सरथल गांव में राम सागर ताल आज भी मौजूद है , विशाल राम सागर ताल के समीप ही साढ़े 5 हजार वर्ष से भी अधिक प्राचीन मंदिर भी है. इस मंदिर के स्थान पर एक सुरंग के अवशेष भी है. ग्रामीण बताते है, की इस सुरंग के जरिए राजपूत राजा पृथ्वी राज चौहान की बहन मंदिर में पूजा अर्चना के लिए आती थी. इसके अलावा सुरंग का इस्तेमाल संभल के श्री हरिमंदिर तक पहुंचने के लिए भी किया जाता था.
तीर्थ स्थलों में किया गया रामसागर ताल कि मिट्टी का इस्तेमाल
गांव में पूछ-ताछ के दौरान वहाँ के बुजुर्ग ग्रामीणों का दावा है कि पूर्वजों के अनुसार बताई गई किवदंती की देवताओं ने सरथल गांव में एक ही रात में सभी तीर्थ के निर्माण का कार्य शुरू किया था. जिसके लिए रात्रि को काफी लंबा कर दिया गया था. देवताओ की आज्ञा पर सरथल में तीर्थ स्थलों के निर्माण के लिए रामसागर ताल से मिट्टी निकाली जा रही थी, लेकिन इसी दौरान गांव की किसी बुजुर्ग महिला ने चक्की चला दी, जिसके बाद ग्रामीणों के जागने की आहट पर देवताओं के निर्देश पर रामसागर ताल की मिट्टी को संभल ले जाकर भगवान विष्णु के श्री हरि मंदिर, 68 तीर्थ और19 कूप सहित अन्य पौराणिक मंदिरों का निर्माण किया गया.
संभल के बुजुर्गो का दावा
संभल में गांव के बुजुर्ग जामा मस्जिद को आज भी भगवान विष्णु का श्री हरि मंदिर मानते है. पुरातत्व विद अतुल मिश्र के पिता प्रख्यात पुरातत्वविद और इतिहासकार सुरेन्द्र मोहन मिश्र के शोध के अनुसार सरथल गांव 9 वी सदी से पूर्व का है जबकि संभल का 9 वी सदी से पूर्व का कोई इतिहास नहीं मिलता. पुरातत्व विद अतुल मिश्र ने बताया कि इस बात के तमाम साक्ष्य डेढ़ हजार वर्ष से अधिक प्राचीन है. यह इस दावे के पुख्ता प्रमाण है कि जामा मस्जिद पूर्व में भगवान विष्णु का श्री हरि मंदिर था. सरथल गांव के बुजुर्ग ग्रामीणों में मान्यता है कि द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण सरथल की भूमि पर आए थे
ग्रामीणों ने किया इतिहास का खुलासा
संभल में रहने वाले ग्रामीणों के अनुसार सरथल को राजा मोरध्वज के पुत्र सुरथ और सुधनवा ने बसाया था. दोनो भाई भगवान कृष्ण ने भक्त थे. मान्यता है पाण्डवों ने अज्ञातवास पूर्ण करने के बाद राज्य हासिल होने पर अश्वमेघ यज्ञ कराया था. इस अश्वमेघ यज्ञ के घोड़े को सूरथ और सुधनवा ने पकड़ लिया था. जिसकी जानकारी होने पर पांडव सेना अश्व को छुड़ाने के लिए सरथल पहुंची तो दोनों भाइयों ने पांडव सेना को हरा दिया था. पांडव सेना के हारने पर भगवान श्री कृष्ण खुद अश्वमेघ यज्ञ के अश्व को छुड़ाने के लिए सरथल गांव आए थे.