प्रदीप तिवारी/गोरखपुर: जिले के पिपरौली ब्लॉक में एक अनोखी शादी देखने को मिली. यहां एक ही मंडप में मां और बेटी ने सात फेरे लिए. गोरखपुर में गुरुवार को हुए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह में एक जोड़ा ऐसा भी था जिनकी उम्र 50 साल के ऊपर थी. दूल्हा-दुल्हन देवर भाभी लगते हैं. दोनों ने इसी मंडप में शादी की. खास बात यह रही कि उनकी बेटी की शादी भी सामूहिक विवाह के इसी मंडप में हुई. वहां आए लोगों के लिए अपने आप में यह अनोखा मामला था. शायद ही ऐसा पहले कभी हुआ कि बेटी और मां दोनों एक साथ एक ही मंडप पर दुल्हन बनी हों.


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पिपरौली ब्लॉक में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत 63 जोड़े शादी के बंधन में बंधे. इस मंडप में मां और बेटी दोनों एक साथ दुल्हन बनीं. उनका विवाह भी एक ही मंडप में हुआ. 55 वर्षीय कुरमौल गांव के रहने वाले जगदीश का अभी तक विवाह नहीं हुआ था. उन्होंने रिश्ते में सगी बड़ी भाभी 53 वर्षीय बेला देवी से विवाह के सात फेरे लिए.


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चाचा से हुई मां की शादी
आपको बता दें बेला देवी के पति और जगदीश के भाई की मौत 25 वर्ष पहले हो गई थी. जगदीश के 3 भाई थे. जिसमें वह सबसे छोटा है. बेला देवी के 2 बेटे और 3 बेटियां हैं. दो बेटे और 2 बेटियों की शादी पहले हो चुकी है. सबसे छोटी बेटी इंदु (करीब 20 साल) की शादी मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह के तहत गुरुवार को सहजनवा के पाली गांव के राहुल के साथ हुई. इसी मंडप में बेला देवी और जगदीश ने शादी के बंधन में बंधने में का फैसला किया. हालांकि इस पर परिवार के लोगों से पहले ही रजामंदी ले ली गई थी.


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