देहरादून: महेंद्र सिंह धोनी पर बनी फिल्म का डायलॉग है, 'माही मार रहा है...' लेकिन ये महज एक डायलॉग नहीं, ये सच है जब धोनी खेल के मैदान में छक्के-चौके जड़ते हैं तो हर क्रिकेट प्रेमी रूक जाता है. एक वक्त वो भी था जब धोनी के लंबे-लंबे छक्के सिर्फ झारखंड में नहीं बल्कि देहरादून तक मशहूर रहे. धोनी से वैसे भी देहरादून के लोगों का बेहद अलग लगाव रहा है, जब वे यहां खेलने आए थे तो उनके छक्के ग्राउंड से कई दूर जाकर गिरते थे. हम बात कह रहे हैं आज से 16 साल पुरानी जब शायद ही किसी ने सोचा होगा कि ये खिलाड़ी भारतीय क्रिकेट का इतिहास बदल देगा.


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दिलचस्प बात ये है कि उस वक्त धोनी क्रिकेट के महान खिलाड़ी सुनील गावसकर के बेटे रोहन गावसकर को अपना कॉम्पिटिशन मानते थे. दरअसल, 2004 में धोनी ऑल इंडिया गोल्ड कप क्रिकेट टूर्नामेंट खेलने के लिए देहरादून आए थे. वे पहले भी कई बार दून क्रिकेट खेलने आए, लेकिन 2004 की याद करते हुए खेल पत्रकार रहे देवेंद्र नेगी बताते हैं कि देहरादून के रेंजर ग्राउंड में धोनी के क्रिकेटिंग शॉट्स ने लोगों को कायल कर दिया था, बल्ले से गेंद ऐसे छूटती थी मानो बंदूक से निकली गोली.


देवेंद्र नेगी बताते हैं कि वे पहले भी कई बार देहरादून क्रिकेट खेलने आए थे, लेकिन 2004 बेहद अहम साल था, धोनी ने क्रिकेट डेब्यू भी इसी साल दिसंबर में किया था. उस वक्त धोनी झारखंड की तरफ से खेलने आए थे. वो बताते हैं कि टूर्नामेंट के दौरान एक इंटरव्यू में उन्होंने रोहन गावसकर को अपना कॉम्पटीटर बताया था.


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टूर्नामेंट में भी धोनी और रोहन गावसकर के बीच कांटे की टक्कर थी, ग्रेडिंग के आधार पर खिलाड़ी का आगे के लिए चयन होना था. लेकिन धोनी हर पैमाने में रोहन से बेहतर साबित हुए, धोनी उस वक्त विकेट कीपिंग के साथ-साथ ओपिंग किया करते थे. उनका हर शॉट स्टेडियम पार था, उन्हें इस टूर्नामेंट में कई बार मैन ऑफ द मैच भी चुना गया और इससे पहले के टूर्नामेंट में मैन ऑफ दी सीरीज भी.


खेल पत्रकार बताते हैं कि धोनी के खुद बताया था कि उनका अल्मोड़ा से नाता है, लेकिन वे बहुत साल पहले अपने गांव गए थे.


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