वाराणसी: गंगा-जमुनी तहजीब के शहर वाराणसी में दीपावली के मौके पर मुस्लिम महिलाओं ने भगवान श्री राम की आरती उतारकर साम्प्रदायिक सौहार्द की मिशाल पेश की. लमही के इन्द्रेश नगर के श्रीराम आश्रम में विशाल भारत संस्थान एवं मुस्लिम महिला फाउण्डेशन के संयुक्त तत्वावधान में दीपावली के अवसर पर जुटी मुस्लिम महिलाओं ने हिन्दू महिलाओं के साथ मिलकर भगवान श्रीराम, माता जानकी, लक्ष्मण जी और हनुमान जी की महाआरती कर दुनिया को भारत के विश्व बंधुत्व के संदेश से परिचित कराया. 


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काशी की ये मुस्लिम महिलाएं बीते 14 वर्षों से भारतीय सांस्कृतिक एकता का संदेश देती आ रही हैं. दीपावली और रामनवमी पर ये महिलाएं श्रीराम की महाआरती करती हैं. इस बार भी मुस्लिम महिलाओं ने रंगोली बनाया, रंग-बिरंगे दीप सजाये और नाजनीन अंसारी द्वारा उर्दू में रचित श्री राम आरती और श्री राम प्रार्थना का गान किया. सजावटी थाली में आरती सजाकर लय बद्ध तरीके से आरती गाने वाली मुस्लिम महिलाओं ने दुनिया को भारत के सांस्कृतिक संबंध से परिचित कराया. श्रीराम महाआरती कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महंत बालक दास जी महाराज ने मुस्लिम महिलाओं के साथ आरती में भाग लिया.


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श्रीराम आश्रम के संस्थापक इन्द्रेश कुमार ने ऑनलाइन सम्बोधन में कहा कि धार्मिक कट्टरपंथ को खत्म करने के लिए मुस्लिम महिलाओं का यह प्रयास हमेशा याद किया जाएगा. जब धर्म के नाम पर लोगों के बीच नफरत फैलाई जा रही थी उस समय काशी से मुस्लिम महिलाएं प्रेम और सद्भावना का संदेश दे रही थीं. मुस्लिम महिला फाउण्डेशन की नेशनल सदर नाजनीन अंसारी ने प्रभु श्री राम को मालिक-ए-कायनात बताया. उन्होंने कहा, ''श्री राम पूरी सृष्टि के मालिक हैं. भारत में रहने वाला प्रत्येक व्यक्ति उनकी ही संतान है. राम सांस्कृतिक नायक हैं. राम नाम का प्रकाश ही दुनियां को नफरत के अंधकार से मुक्त करा सकता है.''


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