लखनऊ : उत्तर प्रदेश शासन ने लापरवाह नगर निकायों (Uttar Pradesh Nagar Nikay Chunav 2022) के अफसरों पर सख्ती का रुख दिखाया है. शासन ने कमाई न बढ़ाने वाले नगर निगमों (Nagar Nigam) और नगर पालिका (Nagar Palika) के 154 अधिशासी अभियंता से जवाब मांगा है.खबरों के मुताबिक, राजस्व वसूली में लापरवाही पर 154 ईओ पर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है.नगर निकायों की आय बढ़ाने में लापरवाही दिखाने वाले इन अधिकारियों पर बड़ी गाज गिर सकती है. इसमें वर्ष 2021-22 के निर्धारण लक्ष्य से 80% से कम राजस्व वसूली करने वाली 154 नगर निकायों को चिन्हित किया गया है. सुस्त अधिशासी अभियंताओं (executive engineers) से जवाब-तलब किया गया है.जानकारी के मुताबिक, वसूली न होने से विकास कार्य प्रभावित हो रहे है. इससे कई नगर निकायों के कर्मचारियों को वेतन देने में भी परेशानी हो रही है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख को हटाना आसान नहीं होगा, यूपी में नया आदेश लागू


अगर जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया तो इन एग्जीक्यूटिव इंजीनियरों पर तबादला या अन्य तरह की कार्रवाई की जा सकती है. हालांकि नगर निकाय चुनाव के पहले नगर निगमों और नगर पालिकाओं के अधिशासी अभियंताओं से जवाब तलब से हड़कंप मच गया है. 


उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में कई नगर निगम विकास कार्य धन की कमी के कारण पूरा नहीं कर पा रहे हैं.लखनऊ, गाजियाबाद (Lucknow Ghaziabad) के बाद कानपुर, आगरा, प्रयागराज, वाराणसी (Kanpur, Agra, Prayagraj, Varanasi) म्यूनिसिपल कारपोरेशन अब अतिरिक्त रकम जुटाने के लिए म्यूनिसिपल बॉन्ड (municipal bond) लाने की कवायद में जुटे हैं. योगी आदित्यनाथ सरकार ने ऐसे नगर निगम बॉन्ड (Nagar Nigam bonds) इजाजत इन नगर निकायों (Municipal Corporation) को दे दी है.


ऐसे प्रत्येक बांड का इश्यू 100 करोड़ रुपये के करीब है. इन म्यूनिसिपल बॉन्ड्स के जरिये बुनियादी ढांचे के विकास कार्य कराए जाएंगे. बॉन्ड इश्यू कराने के काम में समन्वय के लिए नोडल अफसर नियुक्त किए जा रहे हैं. इसमें सेबी और क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों की भी मदद ली जाएगी.गाजियाबाद और लखनऊ नगर निगमों के म्यूनिसिपल बॉन्ड्स को 200 करोड़ रुपये के साथ अच्छी धन संग्रह कर पाए थे. 


UPI Fraud: खरीदारी के जोश में न लग जाए चूना, ये 6 टिप्स जान लें तो अकाउंट में नहीं लगेगी सेंध