UP News : जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख को हटाना अब नहीं होगा आसान, यूपी सरकार का नया आदेश लागू
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UP News : जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख को हटाना अब नहीं होगा आसान, यूपी सरकार का नया आदेश लागू

Jila panchayat adhyaksh and block pramukh : जिला पंचायत अध्यक्ष औऱ ब्लॉक प्रमुख को हटाने के नए नियम लागू.

Jila panchaayat adhyaksh Block Pramukh

Lucknow : उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष (Jila panchayat adhyaksh) और ब्लॉक प्रमुख (block pramukh) को अब उनके पद से हटाना आसान नहीं होगा. योगी आदित्यनाथ (Yogi adityanath) सरकार ने इसको लेकर नई व्यवस्था लागू कर दी है. अब उन्हें सामान्य अविश्वास प्रस्ताव के जरिये हटाया नहीं जा सकेगा. बल्कि जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख को पदच्युत करने के लिए दो तिहाई बहुमत से सदस्यों का प्रस्ताव पारित होना जरूरी होगा. साथ ही इनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव 2 साल के पहले नहीं लाया जा सकेगा. इससे जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी कम से कम 1 साल और सुरक्षित हो जाएगी. अभी तक जितने भी अविश्वास प्रस्ताव लाए गए हैं उन्हें खारिज कर दिया गया है. अगले एक साल तक इनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नही लाया जा सकेगा. बदली नीति के तहत अब अविश्वास प्रस्ताव महज बहुमत यानी 50 फीसदी से ज्यादा वोटों के आधार पर पास नही होगा.

मौजूदा ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष को हटाने के लिए दो तिहाई बहुमत अनिवार्य होगा. इस बाबत अधिसूचना विधायी विभाग ने जारी कर दी है.दरअसल, अभी तक 20 से ज्यादा अविश्वास प्रस्ताव जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के खिलाफ मिल चुके हैं.जबकि प्रदेश में पिछले साल ही पंचायत चुनाव संपन्न हुए थे.ऐसे में कामकाज में बाधा न आए, इसको देखते हुए प्रस्ताव लाने की अवधि दो साल की गई है. इससे पहले वर्ष 2016 में भी ऐसा प्रस्ताव लाने की कोशिश की गई थी.उस वक़्त तत्कालीन राज्यपाल ने प्रस्ताव वापस कर दिया था.

अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की ओर से इस बाबत निर्देश जारी किया है. इसमें पंचायती राज विभाग लखनऊ के निदेशक और उप निदेशक को जानकारी दी गई है. यह उत्तर प्रदेश क्षेत्र पंचायत एवं जिला पंचायत (संशोधन) अध्यादेश 2022 से संबंधित पत्र है. इसमें कहा गया है कि क्षेत्र पंचायत के प्रमुखों और जिला पंचायत अध्यक्षों के खिलाफ लंबित अविश्वास प्रस्ताव को नए नियम अधिसूचित किए गए हैं. इन्हें दिशानिर्देशों को अमल में लाए जाने की बात कही गई है. यह पत्र सभी मंडलायुक्तों, जिलाधिकारी, राज्य निर्वाचन आयोग, पंचायती राज सेवा निदेशक, मुख्य विकास अधिकारी और अपर मुख्य अधिकारी और जिला पंचायत राज अधिकारी को भेजा गया है. 

 

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