अजीत सिंह/रायबरेली : नगरीय निकाय चुनाव 2023 की घोषणा होने के साथ नगर निगम के साथ ही नगर पालिका और नगर पंचायतों में सियासी हलचल तेज हो गई है. यदि बात करें रायबरेली की तो यह सोनिया गांधी का संसदीय क्षेत्र है. यहां नगर पालिका है. पिछली बार यहां से कांग्रेस जीती. लेकिन बाद में वह बीजेपी में शामिल हो गईं. इस बार यहां त्रिकोणीय मुकाबला होने के आसार हैं. शहर में बुनियादी सुविधाएं एक बड़ा मुद्दा है. गांव में जातिवाद का मुद्दा है लेकिन शहर में यह बड़ा मुद्दा नहीं है. विकास एक बड़ा मुद्दा होगा.समाजवादी पार्टी के जिला उपाध्यक्ष शमशाद के मुताबिक सपा जनता और कार्यकर्ताओं के दम पर लड़ेगी.


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वहीं कांग्रेस नेता राहुल वाजपेयी के मुताबिक कांग्रेस द्वारा जिले में किए गए विकास कार्यों का फायदा उनकी पार्टी को मिलेगा. बीजेपी नेता शिवेंद्र सिंह का कहना है कि रायबरेली कांग्रेस का पिकनिक स्पॉट रहा है. रायबरेली से चुनाव जीतने के बाद वह एक बार भी यहां नहीं आईं. निकाय चुनाव में नगर पंचायत की सभी सीट बीजेपी जीतेगी.  


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जिले के सियासी समीकरण की बात करें तो अबकी बार 75 हजार युवा शहर की सरकार चुनने में अपनी अहम भूमिका निभाएंगे. रायबरेली जनपद की एक नगर पालिका और नगर पंचायतों की मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन प्रशासन ने कर दिया है. पिछले 5 साल में इन निकायों में लगभग 75 हजार नये वोटर बने हैं. यह वोटर पहली बार शहर की सरकार चुनेंगे. यदि आंकड़ों पर नजर डालें तो  2017 में 2,43,719 मतदाता थे. इस बार 3,19,617 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे. रायबरेली में एक नगर पालिका और नवसृजित नगर पंचायत शिवगढ़ को मिलाकर कुल 10 नगर निकाय हैं, जिनमें 144 वार्डों में चुनाव होना है. 


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