UP Nagar Nikay Chunav 2022 : नगर निकाय चुनाव की तैयारियां जोर-शोर से हो रही हैं. सीटों की आरक्षण सूची जारी होने के बाद राजनीतिक पार्टियों ने भी जोर कसना शुरू दिया है. वहीं, नगर विकास विभाग सीटों के आरक्षण को लेकर मिल रही आपत्तियों के निस्‍तारण में हलकान है. नगर निगम में महापौर, नगर पालिका परिषद व नगर पंचायत अध्‍यक्ष की सीटों के अलावा वार्डों के आरक्षण पर आपत्तियां आने का सिलसिला जारी है. इनमें सबसे ज्‍यादा आपत्तियां जातिगत सर्वे को लेकर आ रही हैं. जानिए कब तक दर्ज करा सकते हैं आपत्तियां और क्‍या है निस्‍तारण की व्‍यवस्‍था. 


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महिलाओं को लेकर ज्‍यादा आपत्ति 
नगर विकास विभाग के अधिकारियों का कहना है कि आपत्तियों में सर्वाधिक आपत्तियां जातिगत सर्वे को लेकर आ रही हैं. आपत्तियों में कहा गया है कि वार्डों के आरक्षण में जाति की संख्‍या के अनुरूप आरक्षण नहीं दिया गया है. साथ ही महापौर और नगर पंचायत अध्‍यक्षों की सीटों के लिए जारी आरक्षण पर आपत्तियां मिली हैं. इनमें महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों को लेकर भी आपत्तियां आई हैं. कई आपत्तियों में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण देने की बात कही गई है.  


शासन स्‍तर पर अलग से निस्‍तारण की व्‍यवस्‍था 
नगर विकास विभाग के अधिकारी इन आपत्तियों के निस्‍तारण में तो लगे ही हैं. साथ ही शासन स्‍तर भी इन आपत्तियों के निस्‍तारण के लिए अलग से व्‍यवस्‍था की गई है. सभी आपत्तियों को अनुभाग एक में रजिस्टर में दर्ज कर जिलेवार सत्यापन कराया जा रहा है. सीटों और वार्डों के आरक्षण पर मिल रहीं आपत्तियों को सूचीबद्ध किया जा रहा है. अधिकारियों का कहना है कि गलत आपत्तियों को खारिज कर दिया जाएगा और सही आपत्तियों पर जरूरत के आधार पर संशोधन किया जाएगा. 


12 तक ली जाएंगी आपत्तियां  
अधिकारियों ने बताया कि वार्डों के आरक्षण पर आपत्तियां देने की समय सीमा समाप्‍त हो चुकी है. वहीं, महापौर और अध्यक्ष के आरक्षण पर 12 दिसंबर तक आपत्तियां ली जाएंगी. महापौर और अध्यक्षों की सीटों के लिए भी जारी आरक्षण पर तमाम आपत्तियों का निस्‍तारण किया जा रहा है. 


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1 और 2 दिसंबर को जारी हुई अधिसूचना 
बता दें कि नगर विकास विभाग ने वार्डों के आरक्षण की अधिसूचना 1 और 2 दिसंबर को जारी की थी. पहले दिन 48 और दूसरे दिन 27 जिलों के निकायों के वार्डों का आरक्षण जारी किया गया था. वहीं, महापौर और अध्यक्ष की सीटों का आरक्षण की अधिसूचना 5 दिसंबर को जारी की गई थी. दोनों आरक्षणों में अधिसूचना जारी होने की तिथि से 7 दिन के भीतर आपत्तियां और सुझाव मांगे गए थे.