UP Nagar Nikay Chunav : यूपी में नगर निकाय चुनाव हो रहे हैं. पहले चरण का मतदान 4 मई को होगा. सत्‍ताधारी समेत सभी राजनैतिक पार्टियां जीत के लिए चुनावी मैदान में जोर आजमाइश कर रही हैं. वहीं, टिकट न मिलने से असंतुष्‍ट नेता अपनी ही पार्टी में बगावत पर उतर आए हैं. भाजपा मानमनौव्वल के बाद अब ऐसे नेताओं पर कार्रवाई की तैयारी में जुट गई है. 


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टिकट न मिलने से असंतुष्‍ट नेताओं की खैर नहीं 
दरअसल, निकाय चुनाव में सबसे ज्‍यादा टिकट पाने वाली की भीड़ भाजपा में देखी गई थी. पार्टी की ओर से गहन मंथन के बाद उम्‍मीदवारों के नामों की घोषणा की गई. वहीं, टिकट न मिलने पर असंतुष्‍ट और नाराज कार्यकर्ता बगावत पर उतर आए थे. कुछ नेता निर्दलीय चुनाव मैदान में भी उतर गए. भाजपा की ओर से ऐसे नेताओं को मानमनौव्वल के लिए स्‍थानीय विधायक, सांसद और प्रभारी मंत्रियों को जिम्‍मेदारी दी गई. 


बागी नेताओं को मानने की कोशिश की 
स्‍थानीय विधायक, सांसद और प्रभारी मंत्रियों के मानमनौव्वल के बाद भी जो नेता निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं. पार्टी की ओर से ऐसे नेताओं की लिस्‍ट तैयारी की जा रही है. पहले चरण में बगावत कर चुके ऐसे नेताओं के नामों की सूची तैयार कर ली गई है. वहीं दूसरे चरण के बागी नेताओं की सूची तैयार की जा रही है. 


बाहर का रास्‍ता दिखाएगी पार्टी 
जानकारी के मुताबिक, पार्टी से बागी हो चुके इन नेताओं को शीर्ष नेतृत्‍व बाहर का रास्‍त दिखाएगी. भाजपा अब बागी हो चुके नेताओं पर कार्रवाई की तैयारी में जुट गई है. सूत्रों के मुताबिक, मेयर पद के लिए पार्टी के सामने बड़ी चुनौती नहीं थी, लेकिन नगर पालिका और नगर पंचायत अध्‍यक्ष पद के लिए ऐसे असंतुष्‍ट नेताओं की संख्‍या अधिक है. 


अधिकृत प्रत्‍याशियों के मतों पर लगा सकते हैं सेंध 
टिकट न पाने के बाद भी निर्दलीय प्रत्‍याशी बने ऐसे नेताओं को बाहर का रास्‍ता दिखाने पर विचार किया जा रहा है. इसके पीछे की वजह यह है कि अगर पार्टी के नेता ही अधिकृत उम्‍मीदवार के मतों में सेंध लगाएंगे तो आमजन में पार्टी के लिए माहौल खराब बनेगा. यही वजह है कि पार्टी बागियों को मनाने के सारे जतन कर रही है. 


प्रदेश अध्‍यक्ष ने जाहिर की थी चिंता 
बता दें कि बीते दिनों भाजपा के प्रदेश मुख्‍यालय पर अवध क्षेत्र के पदाधिकारियों के साथ बैठक में बागियों को लेकर प्रदेश अध्‍यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी की चिंता साफ नजर आई थी. आगामी लोकसभा चुनाव को मद्देनजर भी स्‍थानीय विधायक, सांसद और प्रभारी मंत्रियों को बागी नेताओं को मनाने के लिए कहा गया था.  


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