UP Nagar Nikay Chunav: सहारनपुर समेत वेस्ट यूपी में कड़े मुकाबले के बीच फंसी BJP, अलीगढ़-मेरठ हथियाने के लिए संभाला मोर्चा
UP Nagar Nikay Chunav: BJP नहीं चाहती है कि मुस्लिम बहुल इलाके अलीगढ़ और मेरठ सीटें भी चुनावी पेंच में फंस जाएं...10 नगर निगम के चुनाव हो चुके हैं, उसमें ऐसे मेयर की सीट हैं जहां बीजेपी चुनावी पेंच में फंस गई है...अलीगढ़ और मेरठ के लिए भाजपा कोई कसर छोड़ना नहीं चाहती है...
UP Nagar Nikay 2023: भारतीय जनता पार्टी निकाय चुनाव के दूसरे चरण के 38 जिलों में होने वाले मतदान के लिए आखिरी दो दिन में पूरी ताकत झोंक देगी. एक छोर पर मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, सरकार के मंत्री और प्रदेश अध्यक्ष की चुनावी सभाएं होंगी. प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने दूसरे चरण के चुनाव के लिए धुआंधार प्रचार करने का आह्वान किया. सहारनपुर, आगरा और मुरादाबाद में कड़े मुकाबले के बीच फंसी भाजपा ने निकाय चुनाव के लिए मेरठ और अलीगढ़ में अपनी पूरी ताकत लगा दी.
सहारनपुर, आगरा और मुरादाबाद में कड़ा मुकाबला
सहारनपुर, आगरा और मुरादाबाद में वोटिंग हो चुकी है. लेकिन इन जगहों पर बीजेपी कड़े मुकाबले के बीच फंस गई है. इसका कारण है मुसलमान मतदाता. मुस्लिम वोटों का बीएसपी या कांग्रेस के साथ होकर जाना. इस समय सबसे ज्यादा चर्चा में आगरा, सहारनपुर और मुरादाबाद है.
आगरा में कांटे की टक्कर
निकाय चुनावों पर नजर रखने वाले लोगों का मानना है कि आगरा में बीएसपी ने बाल्मीकि बिरादरी से अपना प्रत्याशी उतारा और मुस्लिम-जाटों ने बसपा को अपना वोट दिया, वहीं वाल्मीकि बिरादरी का उम्मीदवार होने के कारण वाल्मीकि समाज के लोगों ने भी बीजेपी से मोहभंग कर मायावती की पार्टी पर दांव लगाया. इसलिए ताजनगरी आगरा में मेयर का मुकाबला इंटरेस्टिग हो गया है. यह मुकाबला कांटे का हो चुका है.
सहारनपुर में मुसलमान और दलित वोट निर्णायक
सहारनपुर में पहले चरण में वोटिंग हुई. यहां का मुकाबला बीजेपी और बसपा की सीधी लड़ाई में इमरान मसूद के समर्थन में मुसलमान खड़े दिखाई दिए. मुस्लिम समुदाय के बड़े तबके ने इमरान मसूद को वोट किया है. सहारनपुर में मुसलमान और दलित वोट निर्णायक माने जाते हैं. यहां पर ये दोनों समीकरण एक साथ चुनाव में साथ दिखाई दिए.
मुरादाबाद में मुकाबला दिलचस्प
मुरादाबाद में इस बार मुसलमानों ने समाजवादी पार्टी से ज्यादा कांग्रेस पर भरोसा जताया. मुस्लिम वोटर्स ने सपा का साथ छोड़ अपना ज्यादा दांव हाथ पर लगाया. राजनीति के जानकारों के मुताबिक इस बार ये मुकाबला सीधे भाजपा और कांग्रेस के बीच सिमट गया है. इसलिए इसका नतीजा कुछ और भी देखने को मिल सकता है. बीजेपी अपनी मुरादाबाद में अपनी जीत मानकर चल रही है. अगर वोटर्स कांग्रेस की तरफ गया है तो उसके लिए तो ये बहुत अच्छा साबित होगा. इसलिए यहां का मुकाबला दिलचस्प हो गया है.
मेरठ और अलीगढ़ के लिए बीजेपी की तैयारी
11 मई को निकाय चुनाव का दूसरा चरण संपन्न होना है. इसलिए बीजेपी ने दूसरे फेज की दो अहम सीटों मेरठ और अलीगढ़ के लिए अपनी तैयारियां बहुत तेज कर दी हैं. इस समय सभी बड़े नेता पश्चिम यूपी में रैलियां और जनसभाएं कर रहे हैं. सुनील बंसल की जगह यूपी के संगठन महामंत्री बनाए गए धर्मपाल सिंह मेरठ और अलीगढ़ पर सबसे ज्यादा नजर रखे हुए हैं. वह खुद भी पश्चिम से आते हैं.धर्मपाल सैनी मेरठ और अलीगढ़ को जिताने के लिए अपनी संगठन क्षमता का उपयोग कर रहे हैं और पूरी तरह से मोर्चा संभाले हुए हैं. बता दें कि पिछली बार अलीगढ़ की सीट बहुजन समाज पार्टी ने जीती थी. रविवार को सीएम योगी ने अलीगढ़ में अपनी पार्टी के लिए जनसभा की थी. समाजवादी पार्टी भी इन चुनावों में एक्टिव नजर आ रही है. अखिलेश यादव भी सोमवार को जनसभा कर रहे हैं.
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