UP MLC Elections: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने विधानपरिषद (Legislative Assembly) के लिए 6 नामों का प्रस्ताव राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को भेजा है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीएम योगी (CM Yogi) ने रजनीकांत माहेश्वरी (पूर्व क्षेत्रीय अध्यक्ष, ब्रज भाजपा), साकेत मिश्रा( पूर्वांचल विकास बोर्ड के सदस्य, नृपेंद्र मिश्र के पुत्र), लालजी प्रसाद निर्मल( अंबेडकर महासभा), तारिक मंसुरी(वीसी एएमयू) , रामसुभग राजभर (अधिवक्ता, आजमगढ़),  हंसराज विश्वकर्मा (भाजपा जिलाध्यक्ष, काशी) के नाम मनोनयन के लिए भेजे हैं.


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 नृपेंद्र मिश्रा के बेटे हैं साकेत
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने विधानपरिषद के लिए 6 नामों का प्रस्ताव जो राज्यपाल को भेजा है उसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के प्रधान सचिव रहे नृपेंद्र मिश्रा के बेटे साकेत मिश्रा का नाम है. नृपेंद्र मिश्रा वर्तमान में राम मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैनहैं.  पूर्वांचल विकास बोर्ड के सदस्य साकेत मिश्रा ने दिल्ली के सेंट स्टीफेंस से अर्थशास्त्र में स्नातक किया है और आईआईएम कलकत्ता से एमबीए किया. फिर 1994 में IPS भी बने लेकिन फिर IPS की नौकरी छोड़कर डचे बैंक में नौकरी शुरू कर दी. कई अन्तर्राष्ट्रीय बैंकों में अच्छे पदों पर रहने के बाद साकेत मिश्रा अब राजनीति में एक्टिव हैं. 


लालजी प्रसाद निर्मल( अंबेडकर महासभा)
अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम के चेयरमैन डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल को भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केंद्र के संचालन के लिए  मार्च के पहले सप्ताह प्रबंध समिति का अध्यक्ष चुना गया. गौरतलब है कि वह बाबा साहब डॉ. अंबेडकर महासभा ट्रस्ट के अध्यक्ष भी हैं. 


तारिक मंसूर(वीसी एएमयू)
एएमयू कुलपति प्रो तारिक मंसूर इससे पहले जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कालेज और अस्पताल के प्रिंसिपल थे.  एएमयू में सर्जरी विभाग प्रोफेसर रहे हैं। वह मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य थे.  भारत में चिकित्सा शिक्षा और पेशे के शीर्ष नियामक और मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन (मंत्रालय) के शासी निकाय भारतीय प्रबंधन संस्थान (लखनऊ) के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स में बैठते रहे हैं.  वह अकादमिक सलाहकार समिति के सदस्य भी हैं. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो तारिक मंसूर का कार्यकाल बढ़ा दिया गया. 15 मई 2022 को एएमयू वीसी प्रो. तारिक़ मंसूर का कार्यकाल पूरा हो रहा था.  केंद्र सरकार ने उनका कार्यकाल अगले एक वर्ष तक बढ़ा दिया. ऐसा कहा जाता है किभाजपा से नजदीकियों का फायदा कुलपति को मिला है.


इनको भी गया था प्रस्ताव
सूत्रों की मानें तो मशहुर कवि कुमार विश्वास को भी एमएलसी के लिए प्रस्ताव भेजा गया था. हालांकि उन्होंने इनकार कर दिया था. जिसके बाद अन्य नामों पर मंथन शुरू किया गया. 


अब बीजेपी के तरफ से काफी इंतजार के बाद एमएलसी के नामों के फाइनल हो जाने से उपचुनाव की तैयारी तेज हो गई है. पार्टी ने उपचुनाव के लिए ही निकाय चुनाव की तैयारी भी मिशन मोड में शुरू कर दी है. पार्टी के ओर से अगले कुछ दिनों में उपचुनाव को लेकर भी स्थिति स्पष्ट कर दी जाएगी.


 


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