नैनीताल: कोरोनिल दवा को लेकर योगगुरु बाबा रामदेव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. नैनीताल हाईकोर्ट ने कोरोनिल के खिलाफ दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए बुधवार को बाबा रामदेव की दिव्य फार्मेसी को नोटिस जारी किया है. चीफ जस्टिस की अध्‍यक्षता वाली पीठ ने निम्‍स यूनिवर्सिटी (राजस्‍थान) को भी नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. अधिवक्ता मणि कुमार की याचिका पर कोर्ट पहले ही केंद्र सरकार के असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल को नोटिस जारी कर चुका है. अब नैनीताल हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई 13 जुलाई को होगी.


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बता दें कि, अधिवक्ता मणि कुमार ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा है कि बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने आईसीएमआर द्वारा जारी गाइडलाइंस का पालन नहीं किया. बाबा रामदेव ने ना तो आयुष मंत्रालय, भारत सरकार की अनुमति ली और ना ही आयुष विभाग उत्तराखंड में कोरोना की दवा बनाने के लिए आवेदन किया.


याचिका में कहा गया है कि बाबा रामदेव ने रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आवेदन किया था, लेकिन कोरोनिल दवा का निर्माण कर दिया. कंपनी ने निम्स विश्वविद्यालय राजस्थान द्वारा दवा का परीक्षण होना बताया जबकि निम्स का कहना है कि उन्होंने ऐसी किसी भी दवा का क्लीनिकल परीक्षण नहीं किया. याचिकाकर्ता की मांग है कि कोरोनिल पर फौरन प्रतिबंध लगाया जाए क्योंकि इसका क्लीनिकल ट्रायल नहीं किया गया है.