Recruitment of teachers, लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राजकीय मेडिकल कॉलेजों में जो भी चिकित्सा शिक्षकों के रिक्त पद है उनको जल्द ही भरा जा सकेगा. इन खाली पदों को भरने को रास्ता स्पष्ट होने लगा है. ऐसे पदों की संख्या ढाई हजार से ज्यादा बताई जा रही है. शासन द्वारा नियुक्ति के लिए इन राजकीय मेडिकल कॉलेजों के प्रधानाचार्यों को अधिकृत किया गया है. वॉक इन इंटरव्यू के जरिए खाली पदों को भरने पर प्रधानाचार्य काम आगे बढ़ा सकेंगे. मेडिकल कॉलेजों में एक बड़ा मुद्दा हमेशा से यही रहा है कि फैकल्टी की कमी रहती है. हाल की बात करें तो एनएमसी ने यूपी के उन सरकारी और गैर सरकारी मेडिकल कॉलेजों से करोड़ों के जुर्माना वसूले हैं जिन्होंने मानक पूरे नहीं किए. 


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असिस्टेंट प्रोफेसर के 582 पदों के लिए भर्ती 
वहीं, दूसरी ओरे प्रदेश के सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में 1017 पदों पर भर्ती को लेकर तैयारियां शुरू भी कर दी गई है जोकि असिस्टेंट प्रोफेसर के पद के लिए हैं. इन पदों पर भर्ती के लिए उच्च शिक्षा निदेशालय द्वारा नवगठित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा आयोग को अधियाचन भी भेज दिया गया है और निदेशालय ने राजकीय महाविद्यालयों में भर्ती के लिए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को एक अधियाचन भी भेज दिया है जोकि असिस्टेंट प्रोफेसर के 582 पदों के लिए है.  


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चिकित्सा शिक्षा व इलाज दोनों पर पड़ रहा असर
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) के मानकों के मुताबिक यूपी के मेडिकल कॉलेजों में चिकित्सा शिक्षक की काफी कमी है जिसका सीधा सीधा असर चिकित्सा शिक्षा की क्वालिटी प पड़ रहा है. मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाई करने वाले छात्रों सिलेबस प्रभावित हो रही है और डॉक्टरों की कमी से मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा. हालांकि अब ऐसा नहीं होगा. इस संबंध में एनएमसी के कड़े रुख दिखाने पर चिकित्सा शिक्षा महानिदेशालय एक्शन में है. एनएमसी ने प्रदेश के 42 से भी ज्यादा मेडिकल कॉलेजों पर हाल ही में जुर्माना जड़ चुका है.