नोएडा: अब जल्द ही ब्लू और एक्वा लाइन को जोड़ा जाएगा रोज यात्रा करने वालों के लिए एक राहत की खबर है. यह रूट सेक्टर-51 से सेक्टर-61, सेक्टर-71 कैलाश अस्पताल के सामने से होकर सेक्टर-122 तक रहेगा. केंद्र सरकार के निर्देश पर नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने इस रूट की फिजिबिलिटी रिपोर्ट बनानी शुरू कर दी है. बता दें, डीपीआर को यूपी केबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है. पिछले सप्ताह केंद्र सरकार के स्तर पर हुई बैठक में मंत्रालय के अफसरों ने एनएमआरसी को नए रूट की संभावना तलाशने के निर्देश दिए थे. निर्देश के बाद एनएमआरसी ने नए रूट पर मंथन शुरू कर दिया है.प्रस्तावित रूट में पहला स्टेशन सेक्टर-122 है, यह रूट करीब डेड़ किलोमीटर लंबा होगा.अधिकारियों की मानें तो नए रूट पर कई तरह की दिक्कतें भी हैं.खास तौर पर जगह की दिक्कत. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इस लाइन में कई अड़चनें
अधिकारियों की मानें तो नए रूट पर कई तरह की दिक्कतें हैं. सामने आई कठिनाइयों में मुख्य रूप से सेक्टर-61 के पास दूसरा स्टेशन बनाने के लिए काफी कम जगह है. यहां पर दो पेट्रोल पंप एक साथ बने हैं. इसके बाद सेक्टर-61 और ऊपर से ब्लू लाइन मेट्रो के जाने के बाद दूसरी लाइन की मेट्रो को घुमाने के लिए भी जगह की दिक्कत होगी. आगे चलकर कैलाश अस्पताल के सामने से बिजली की हाइटेंशन लाइन जा रही है. जो भी एक बड़ी समस्या है.  


सेक्टर-51 रूट की सिग्नल प्रणाली पर असर पड़ेगा
अभी सेक्टर-51 स्टेशन के आगे एक्वा लाइन का मेट्रो वायाडक्ट स्ट्रक्चर करीब 400 हिस्से में बना हुआ है. अगर रूट बदलने पर मुहर लगी तो इसको तोडा जाएगा. अभी यहां मेट्रो आकर खड़ी होती है. इसको तोडने से नोएड़ा से  ग्रेनो की मेट्रो रूट की सिग्नलिंग प्रणाली भी डगमगा जाएगी. अगर केंद्र सरकार ने अभी तक प्रस्तावित पुराने रूट को ही मंजूरी दे दी तो अगले तीन-चार महीने में काम शुरू होने की उम्मीद है. लेकिन नया रूट बनाने को कहा तो मंजूरी प्रक्रिया में ही छह महीने से लेकर एक साल तक का समय लग जाएगा. ऐसी स्थिति में लोकसभा चुनाव के बाद ही इसका काम शुरू होगा. नए रूट की नई डीपीआर बनेगी. फिर बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पास करने के बाद मंजूरी के लिए जाएगी.


Badaun: आपस में टकराई स्कूल बस और वैन, भीषण हादसे में हुई दो की मौत कई घायल