यूपी के इस संत से मिलने के लिए लगती है बड़े-बड़े नेताओं की लाइन, सत्‍य की खोज में 23 साल की उम्र में घर छोड़ा और बन गए संन्‍यासी

बागेश्‍वर धाम सरकार के पीठाधीश्‍वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री वाराणसी से मीरजापुर स्थित स्वामी अड़गड़ानंद महाराज के आश्रम पहुंचे. इस दौरान बागेश्‍वर बाबा ने आश्रम में स्वामी अड़गड़ानंद महाराज जी का दर्शन किया.

अमितेश पांडेय Fri, 27 Sep 2024-5:20 pm,
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स्वामी अड़गड़ानंद जी महाराज

सनातन धर्म में सबसे पवित्र पुस्‍तक गीता को माना गया है. स्वामी अड़गड़ानंद जी महाराज ने गीता को सरल भाषा में लिखा है, जिसे यथार्थ गीता नाम दिया गया. 

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कहां जन्‍म हुआ

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, स्वामी अड़गड़ानंद जी महाराज का जन्म राजस्थान के उदयपुर जिले के ओसिया गांव में हुआ था. 

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यथार्थ गीता

स्वामी अड़गड़ानंद जी महाराज ने 'यथार्थ गीता' को आम लोगों के लिए समझाने का काम किया. वे सत्य की खोज में लगातार विचरण करते रहे. 

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सामाजिक कार्य भी किए

स्‍वामी अड़गड़ानंद जी महाराज धार्मिक भाषणों और उपदेशों के जरिए सामाजिक भलाई के लिए काम करते रहे. वे अपने गुरु संत परमहंस जी के पास सत्य की खोज में आए थे.

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23 साल में घर छोड़ दिया

अड़गड़ानंद जी महाराज नवंबर 1955 में 23 वर्ष की उम्र में परमहंस जी महाराज से मिले. कहा जाता है कि परमहंस जी को पहले से सूचना प्राप्‍त हो गई थी कि अड़गड़ानंद जी मिलने आएंगे. 

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सत्‍य की खोज में घर छोड़ा

कहा जाता है कि स्वामी अड़गड़ानंद जी अपने गुरु जी संत परमहंस जी के पास सत्य की खोज में उनके आश्रम चित्रकूट अनुसूया, सतना, मध्य प्रदेश पहुंचे. 

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मीरजापुर के सक्‍तेशगढ़ में आश्रम

परमहंस जी जंगली जानवरों के घने जंगलों में बिना किसी भी सुविधा के रहते थे. यही वजह रही कि स्‍वामी अड़गड़ानंद जी महाराज ने भी अपना आश्रम मीरजापुर के सक्‍तेशगढ़ में बनवाया. 

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पीएम मोदी ने जाना था हाल

कोरोना काल के दौरान स्‍वामी अड़गड़ानंद जी महाराज संक्रमित हो गए तो खुद प्रधानमंत्री ने फोन कर उनका हाल जाना था. 

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बड़े-बड़े राजनेता आश्रम आते हैं

स्‍वामी जी से मिलने के लिए यूपी ही नहीं देशभर के बड़े-बड़े राजनेता उनके आश्रम पहुंचते हैं. स्‍वामी जी का आश्रम मीरजापुर के सक्‍तेशगढ़ में है. 

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सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव भी मिल चुके हैं

सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव भी स्वामी अड़गड़ानंद जी महाराज से आशीर्वाद लेने उनके आश्रम पहुंचे थे. तब से अखिलेश आशीर्वाद के रूप में लाल गमछे को हमेशा अपने साथ लेकर चलते हैं.

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