शारदीय नवरात्रि के 9 दिन व्रत से बॉडी होगी डिटॉक्स, वैज्ञानिक पैमानों पर खरी उतरी व्रत परंपरा
शारदीय नवरात्रि का आज दूसरा दिन है. नवरात्रि में पूरे नौ दिनों तक व्रत रखने की मान्यता है. 9 दिन का उपवास शरीर के लिए फायदेमंद भी होता है. मेडिकल साइंस भी इस बात को मान चुका है. तो आइये जानते हैं नवरात्रि पर उपवास के मेडिकल साइंस के नजरिए से क्या फायदे हैं?.
मौसम में बदलाव
मेडिकल साइंस के मुताबिक, शारदीय नवरात्रि के समय जलवायु में बदलाव होता है. इस समय कई नए बैक्टीरिया पैदा होते हैं.
बीमारियां फैलती हैं
बदलते मौसम में हमारा शरीर लड़ने के लिए तैयार नहीं रहता है. यही वजह है कि इस मौसम में लोगों में बीमारियां भी फैलती हैं.
शारदीय नवरात्रि
शारदीय नवरात्रि अक्टूबर या नवबंर महीने में आती है, जो शरद ऋतु से सर्दी तक का समय होता है. इस दौरान हमारे शरीर में इम्यूनिटी की कमी भी होने लगती है.
इम्यूनिटी बूस्ट
सर्दी के दस्तक देने से पहले शारदीय नवरात्रि के दौरान उपवास रखने से शरीर की इम्यूनिटी बूस्ट हो जाती है.
सात्विक भोजन
इसका प्रमुख कारण यह है कि शारदीय नवरात्रि पर नौ दिन लोग सात्विक भोजन का इस्तेमाल करते हैं.
पाचन तंत्र मजबूत करता है
मेडिकल साइंस के मुताबिक, शारदीय नवरात्रि में सात्विक भोजन करने से पाचन तंत्र को आराम मिलता है.
वैज्ञानिक कारण
इसके साथ ही डिटॉक्सीफिकेशन भी होता है. शारदीय नवरात्रि के दौरान व्रत रखने का वैज्ञानिक कारण आपके शरीर को डिटॉक्सीफाई करना है.
आंतों का साफ करता है
हफ्ते में एक बार हल्का भोजन करने से पांचन तंत्र को आराम मिलता है. व्रत आंतों को साफ करने और उसको मजबूत करने में मदद करता है.
डॉक्टर से लें सलाह
मधुमेह रोगियों को व्रत रखने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए. यही बीपी के मरीजों को भी करना चाहिए.
बीपी मरीज
बीपी के मरीजों को व्रत रखने से पहले चिकित्सकीय सलाह जरूर ले लेनी चाहिए.
पाचन तंत्र ठीक रहता है
ज्यादा व्यस्त रहने वाले लोग भी नवरात्रि के शुरुआत और आखिर में उपवास रख सकते हैं. ऐसा करने से उनका पाचन तंत्र काफी हद तक ठीक हो जाता है.