देवभूमि का 100 साल पुराना स्‍कूल, हिन्‍दी सीखने के लिए उत्‍तराखंड में लगता है विदेशी मेहमानों का जमावड़ा

उत्‍तराखंड की खूबसूरती को देखने न केवल देश के बल्कि विदेशी पर्यटक भी आते हैं. वैसे तो उत्‍तराखंड में घूमने के लिए कई जगह है, लेकिन उत्‍तराखंड का शहर अपने भाषा स्‍कूल लिए दुनियाभर में फेमस है. यहां सैकड़ों विदेशी हिन्‍दी भाषा सीखने आते हैं.

अमितेश पांडेय Sun, 29 Sep 2024-4:12 pm,
1/10

हिन्‍दी भाषा स्‍कूल

दरअसल, उत्तराखंड के मसूरी के पास लैंडोर में भाषा स्कूल है. यहां गाना गाकर हिंदी सिखाया जाता है. यह यह देश का सबसे पुराना (लगभग 118 साल) और अनोखा भाषा स्कूल है. 

2/10

पंजाबी-उर्दू भी सिखाते हैं

लैंडोर के भाषा स्‍कूल में हर साल सैकड़ों विदेशी सिर्फ हिन्‍दी सीखने आते हैं. यहां हिन्‍दी के अलावा पंजाबी, उर्दू, संस्कृत और गढ़वाली भाषा भी सिखाई जाती है. हालांकि, हिन्‍दी का सबसे ज्‍यादा जोर रहता है. 

3/10

अंग्रेजों ने बनावाया था

यहां के भाषा स्‍कूल में हिन्‍दी सीखने आने वाले विदेशी मेहमान तीन हफ्ते से तीन महीने तक रहकर भाषा का ज्ञान लेते हैं. शुरुआत में यह स्कूल अंग्रेजों ने मिशनरीज के लिए बनवाया था. 

4/10

शुरुआत में मिशनरीज का दाखिला

अंग्रेजों के जाने के बाद भी कई साल तक सिर्फ मिशनरीज को ही दाखिला दिया जाता था. अब इस स्कूल का संचालन एक बोर्ड करता है. यहां आने वालों में शोधकर्ता, दूतावास में काम करने वाले कर्मचारी, राजदूत और फिल्मी सितारे होते हैं.

5/10

अमेरिका के सबसे ज्‍यादा छात्र

भाषा स्‍कूल में दाखिला लेने वालों की उम्र 18 से लेकर 90 साल तक हो सकती है. यहां सबसे ज्यादा हिन्‍दी सीखने वाले अमेरिका से आते हैं. 

6/10

रिकॉर्डिंग की खास व्‍यवस्‍था

स्कूल में रिकॉर्डिंग की खास व्यवस्था हिन्‍दी सिखाने के लिए स्कूल में रिकॉर्डिंग की खास व्यवस्था है. छात्र इसी रिकॉर्डिंग से सीखते हैं. 

7/10

पहले खिलना सिखाते हैं

जानकारों का कहना है कि भाषा जितनी ज्यादा सुनते हैं, उतनी ही जल्दी सीखते भी हैं. आम स्कूल पहले लिखना-पढ़ना सिखाते हैं, लेकिन यहां पहले बोलना सिखाते हैं. 

8/10

चार से पांच घंटे रोजाना क्‍लास

इसके बाद व्याकरण और फिर लिखना सिखाया जाता है. शिक्षकों इस बात का ध्‍यान रखते हैं कि यहां हिन्‍दी सीखने आए लोग ऊबे न. यही वजह है कि यहां रोजाना चार से पांच घंटे ही क्‍लास चलती है. 

 

9/10

हर घंटे के हिसाब से फीस

भाषा स्‍कूल की खासियत है कि यहां हर घंटे के हिसाब से फीस ली जाती है. हर घंटे फीस 385 से 653 रुपये तक हो सकती है. हालांकि, फीस अलग भी हो सकती है. 

 

10/10

कब स्‍थापना हुई?

उत्‍तराखंड के लैंडोर भाषा स्‍कूल की स्‍थापना 1905 में हुई थी. यह भारत का सबसे पुराना हिन्‍दी और उर्दू स्‍कूल है. वर्तमान में यह मसूरी में सेना छावनी के केलॉग मेमोरियल चर्च में संचालित होता है. 

 

ZEENEWS TRENDING STORIES

By continuing to use the site, you agree to the use of cookies. You can find out more by Tapping this link