जलता दीपक कैसे बना खिलता कमल, 120 साल पुरानी बगावत से भाजपा को मिला नया चुनाव चिन्ह
2014 के बाद 2019 में बीजेपी प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता पर काबिज हुई है. 2024 चुनाव को जीतकर भाजपा जीत की हैट्रिक लगाने की हुंकार भर रही है. क्या आप जानते हैं बीजेपी का ये चुनाव चिन्ह रखने की क्या वजह है.
1857 में सीपॉय विद्रोह के समय चपाती और कमल के बीच को सूचना और संदेश भेजने के लिए होता था. इसके बाद इसका इस्तेमाल अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह के तौर पर किया गया.
कमल ही क्यों?
भाजपा के कमल चुनाव रखने के पीछे एक और वजह बताई जाती है. कहा जाता है कि इसका चुनाव पहले भी ब्रिटिश शासन के खिलाफ इस्तेमाल हुआ था.
बीजेपी का चुनाव चिन्ह
बीजेपी के चुनाव चिन्ह के तौर पर कमल के फूल का चुनाव किया गया. इसको हिंदू परंपरा से जोड़कर देखा जा रहा है.
बीजेपी की स्थापना
6 अप्रैल 1980 को बीजेपी की स्थापना हुई. अटल बिहारी वाजपेयी भाजपा के पहले अध्यक्ष बने.
हलधर किसान हुआ चुनाव चिन्ह
इमरजेंसी खत्म होने के बाद जनसंघ का जनता पार्टी में विलय हो गया. तब इसका चुनाव चिन्ह 'हलधर किसान' था.
जनसंघ का चुनाव चिन्ह था दीपक
1951 में जनसंघ की स्थापना हुई थी. जनसंघ ही आगे चलकर बीजेपी बनी. जनसंघ के समय पार्टी का चुनाव चिन्ह दीपक होता था.
कमल क्यों बना चुनाव चिन्ह
2024 में भाजपा ने 400 सीटों पर कमल खिलाने का लक्ष्य रखा है लेकिन क्या आप जानते हैं बीजेपी का ये चुनाव चिन्ह रखने की क्या वजह है.
बीजेपी ने भरी जीत की हुंकार
2014 के बाद 2019 में बीजेपी प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता पर काबिज हुई है. 2024 चुनाव को जीतकर भाजपा जीत की हैट्रिक लगाने की हुंकार भर रही है.