कारगिल में 15 गोलियां खाकर भी पाकिस्तानी बंकर किया तबाह, रोंगटे खड़े कर देती है ग्रेनेडियर योगेंद्र सिंह की कहानी

कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ कल 26 जुलाई को मनाई जाएगी. कारगिल युद्ध में भारतीय सैनिकों की बाहदुरी के आगे पाकिस्‍तानी घुसपैठियों ने घुटने टेक दिए थे. भारतीय सेना के जवानों ने पाकिस्‍तानी घुसपैठियों को ढेर कर कारगिल पर तिरंगा लहराया था.

अमितेश पांडेय Fri, 26 Jul 2024-7:51 am,
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यूपी का लाल योगेंद्र सिंह यादव

योगेंद्र सिंह यादव का जन्‍म 10 मई 1980 को यूपी के बुलंदशहर के औरंगाबाद अहीर गांव में हुआ था. उनके पिता करण सिंह यादव कुमाऊं रेजिमेंट में थे. उनके पिता 1965 और 1971 के भारत-पाकिस्‍तान युद्ध में भी हिस्‍सा लिया था. योगेंद्र सिंह यादव 16 साल पांच महीने की उम्र में ही सेना में भर्ती हो गए थे.   

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16 साल की उम्र में सेना में भर्ती

योगेंद्र सिंह यादव 19 साल की उम्र में ही सेना की ट्रेनिंग पूरी कर जम्‍मू कश्‍मीर के द्रास में टाइगर हिल पर कब्‍जा करने का जिम्‍मा सौंपा गया था. 

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पाकिस्‍तानी बंकर तबाह कर दिया

योगेंद्र सिंह यादव शरीर में 15 गोलियां खाने के बाद भी पाकिस्‍तानी बंकर पर हमला बोल दिया था. योगेंद्र सिंह यादव ने पाकिस्‍तानी बंकर को तबाह कर घुसपैठियों को ढेर कर दिया था. 

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8 सैनिकों को मार गिराया

बताया गया कि योगेंद्र सिंह यादव टाइगर हिल की चोटी पर जा ही रहे थे कि पाकिस्‍तानी घुसपैठियों ने बंकर पर हमला बोल दिया. योगेंद्र सिंह ने पाकिस्‍तान के 8 सैनिकों को मौके पर मार गिराया था. दो सैनिक भाग गए थे. 

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तीन दर्जन पाकिस्‍तानी सैनिकों ने बोला था हमला

योगेंद्र सिंह यादव अपने अन्‍य साथियों के साथ बैठे थे कि दोबारा पाकिस्‍तान के तीन दर्जन सैनिकों ने गोलीबारी शुरू कर दी थी. इसमें योगेंद्र सिंह के 6 साथी शहीद हो गए थे. 

 

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पाकिस्‍तानी सैनिकों ने बोला हमला

योगेंद्र सिंह यादव भी इस हमले में घायल हो गए थे. तभी अचानक से पाकिस्‍तानी सैनिक ने हाथ और पैर पर गोली मार दी. योगेंद्र खून से ल‍थपथ पड़े थे. उनके सीने में भी गोलियां दागी गईं. 

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सीने में दागीं गोलियां

गलीमत रही कि सीने में एक का सिक्‍का होने की वजह से उनकी जान बच गई थी. पाकिस्‍तानी सैनिकों के इस हमले में योगेंद्र सिंह यादव के शरीर में करीब 15 गोलियां लगीं. 

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दुश्‍मन का हथियार भी उठा लाए

इसके बाद भी योगेंद्र सिंह यादव ने ग्रेनेड खींचकर दुश्‍मन पर हमला बोल दिया. पाकिस्‍तानी सैनिकों को मारकर उनके हथियार तक उठा ले आए. 

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नाले में कूद कर जान बचाई

इसके बाद पास में बह रहे एक नाले में वह कूदकर अपनी जान बचा लिए थे. भारतीय सैनिकों ने उनको खोजकर अस्‍पताल पहुंचाया था. 

 

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परमवीर चक्र से सम्‍मानित

अदम्‍य साहस और सर्वोच्‍च कोटि के शौर्य का प्रदर्शन करने के लिए ग्रेनेडियर योगेंद्र सिंह यादव को परमवीर चक्र से सम्‍मानित किया गया. 

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कारगिल युद्ध के बाद शादी कर ली

बता दें कि योगेंद्र सिंह यादव की शादी साल 1999 में कारगिल युद्ध के बाद ही हो गई थी. 

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