यूपी का सबसे बड़ा और सबसे पुराना चिड़ियाघर कहां, 103 साल पहले बना, शेर-बाघ से लेकर टॉय ट्रेन तक
दिवाली पर कई दिनों की छुट्टियां पड़ने वाली हैं. ऐसे में अगर आप कहीं परिवार संग घूमने का प्लान बना रहे हैं तो सबसे पुराने चिड़ियाघर जा सकते हैं. यहां आपको शेर-चीते के अलावा बहुत कुछ देखने को मिलेगा.
लखनऊ का चिड़ियाघर
यूपी के सबसे पुराने चिड़ियाघर का पता लखनऊ में है. इसका नाम नवाब वाजिद अली शाह जूलॉजिकल गार्डन है. पर्यटन दिवस के मौके पर आप उत्तर प्रदेश के टॉप चिड़ियाघर घूमने जाएं तो यहां जरूर आएं.
सबसे बड़ा चिड़ियाघर
लखनऊ में स्थित नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान पूरे यूपी का सबसे फेमस जू घर है. नवाब वाजिद अली शाह जूलॉजिकल गार्डन को पहले प्रिंस ऑफ वेल्स जूलॉजिकल गार्डन के नाम से जाना जाता था.
कितने एरिया में फैला है?
यह लखनऊ का सबसे पुराना चिड़ियाघर भी है और उत्तर प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा चिड़ियाघर है जो 71.6 एकड़ (29.0 हेक्टेयर) में फैला है. यहां आपको कई प्रकार के जानवर देखने को मिलेंगे.
एशियाई और जिराफ भी
लखनऊ चिड़ियाघर में टाइगर, हिमालयन ब्लैक भालू, गैंडा, काला हिरण, जेबरा, माया, एशियाई हाथी, जिराफ और विशाल गिलहरी देख सकते हैं. चिड़ियाघर में एक खिलौना ट्रेन भी है.
हर साल पर्यटकों की संख्या
लखनऊ का चिड़ियाघर देखने के लिए हर साल करीब दस लाख टूरिस्ट यहां आते हैं. इस चिड़ियाघर में पक्षियों, सरीसृपों और स्तनधारियों सहित कई प्रकार के जानवर पाए जाते हैं.
टॉय ट्रेन का मजा
लखनऊ के चिड़ियाघर में बच्चे और वयस्क दोनों टॉय ट्रेन का भी मजा ले सकते हैं. इस ट्रेन में एक इंजन और दो कोच होते हैं. टॉय ट्रेन का ट्रैक 1.5 किमी है. यह ट्रेन चंद्रपुरी स्टेशन से चलती है और चिड़ियाघर के सभी स्थानों से गुजरती है.
संग्राहलय भी
इसके साथ ही लखनऊ के चिड़ियाघर में मिस्र की एक ममी भी है. जिसे संग्रहालय में रखा गया है. यह ममी 13 साल की एक लड़की की है. ताबूत पर कुछ जानकारी भी अंकित हैं.
कब बंद रहता है
लखनऊ चिड़ियाघर सोमवार को बंद रहता है. इस चिड़ियाघर में टूरिस्ट सुबह 8.30 बजे से लेकर 5.30 बजे तक घूम सकते हैं.
कब हुई स्थापना
पर्यटकों को चिड़ियाघर में प्रवेश के लिए शुल्क लेना पड़ता है. लखनऊ के इस चिड़ियाघर की स्थापना 29 नवंबर 1921 को की गई थी.
नाम बदला गया
पहले इसका नाम प्रिंस ऑफ वेल्स जूलॉजिकल गार्डन रखा गया था. तब इसका क्षेत्रफल 29 हेक्टेयर था. साल 2001 में इसका नाम बदलकर लखनऊ प्राणी उद्यान कर दिया था. बाद में फिर साल 2015 में इसका नाम नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान किया गया.
कानपुर जूलोजिकल पार्क
कानपुर स्थित जूलोजिकल पार्क सबसे बड़ा चिड़ियाघर है. कानपुर के चिड़ियाघर में हिरण, बाघ, शेर, चिंकारा, हिरण, बारासिंघा और बार्किंग बियर समते कई विदेशी पक्षियां हैं, जो 189 एकड़ में फैला है. यह यूपी का सबसे बड़ा चिड़ियाघर है.