उत्‍तराखंड के इस खूबसूरत शहर में है गांधी मंदिर, बापू ने इसे बताया था भारत का स्विट्जरलैंड

दो अक्‍टूबर को गांधी जयंती है. महात्‍मा गांधी ने वैसे तो पूरे देश की यात्रा की, लेकिन उत्‍तराखंड से उनका गहरा लगाव था. उत्‍तराखंड के नैनीताल में ताकुला में गांधी मंदिर भी है. गांधी जी के साथ ताकुला गांव में जवाहर लाल नेहरू, सुचिता कृपलानी और देवदास गांधी भी रुके.

अमितेश पांडेय Mon, 30 Sep 2024-3:42 pm,
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उत्‍तराखंड में गांधी मंदिर

नैनीताल से करीब 7 किलोमीटर दूर ताकुला में गांधी आश्रम स्थित है. इसे गांधी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. इस आश्रम की आधारशिला खुद महात्‍मा गांधी ने रखी थी.    

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दो बार नैनीताल गए

जानकारी के मुताबिक, महात्‍मा गांधी दो बार नैनीताल आए थे. पहली बार साल 13 जून, 1929 को गांधी जी कस्तूरबा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, सुचिता कृपलानी और देवदास गांधी के साथ आए थे. 

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गांधी मंदिर की आधारशिला

महात्मा गांधी के ताकुला आने के पीछे का उद्देश्‍य कुमाऊं में प्रचार-प्रसार करना था. वह 13 जून से 4 जुलाई तक कुमाऊं क्षेत्र में ही रहे. इस दौरान उन्होंने यहां ताकुला स्थित गांधी मंदिर की आधारशिला रखी.

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इन जगहों पर भ्रमण किया

नैनीताल से वह भवाली, ताड़ीखेत, अल्मोड़ा, कौसानी और बागेश्वर गए. इसके बाद 4 जुलाई को वह वापस चले गए थे. 

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दूसरी बार गांधी आश्रम आए

वहीं, दूसरी बार वह 18 मई, 1931 को नैनीताल आए थे. दूसरी बार वह गांधी मंदिर में ही रहे. यह गांधी मंदिर स्वतंत्रता संग्राम का एक प्रतीक भी है. 

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शांत वातावरण

नैनीताल आने वाले पर्यटक गांधी मंदिर देखने आते हैं. यहां का शांत वातावरण उन्‍हें खूब पसंद आता है. आपभी नैनीताल जाएं तो गांधी आश्रम जा सकते हैं. 

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कासौनी को स्विट्जरलैंड बताया

महात्‍मा गांधी कुमाऊं की यात्रा के दौरान बागेश्‍वर के कासौनी में भी रुके. महात्‍मा गांधी ने कौसानी को भारत का स्विट्जरलैंड कहा. 

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हरिजन कोष में 24 हजार रुपये दान दिए

कौसानी में प्रवास के दौरान महात्‍मा गांधी ने हरिजन कोष में 24 हजार रुपये भी दान में दिए. कुमाऊं यात्रा के दौरान महात्‍मा गांधी ने 26 स्‍थानों पर भाषण दिए.  

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गांधी आश्रम को स्‍मारक दर्जा नहीं मिला

आजादी के 75 साल बाद भी तालुका में स्थित गांधी आश्रम को स्‍मारक दर्जा नहीं प्राप्‍त हुआ. यहां के लोग गांधी आश्रम को स्‍मारक का दर्जा दिलाने के लिए लंबे समय से प्रयासरत हैं. 

 

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