गोरखपुर में महान संत के जन्मस्थान पर बनेगा आश्रम, महंत अवेद्यनाथ के बाद एक और बड़ा फैसला
जल्द ही गोरखपुर के पर्यटक स्थलों में एक और नाम शामिल होने वाला है. योग गुरु परमहंल योगानंद के जन्मस्थल को पर्यटक स्थल बनाया जाएगा. योग गुरु का जन्म 5 जनवरी 1893 को हुआ था.
गोरखपुर मंदिर
वैसे तो गोरखपुर में बहुत कुछ है देखने लायक जैसे गोरखनाथ मंदिर , विष्णु मंदिर, गीता वटिका, गीता प्रेस, चौरीचौरा शहीद स्मारक आदि.
योग गुरु परमहंस योगानंद
लेकिन अब जल्द ही गोरखपुर में योग गुरु परमहंस योगानंद ‘मुकुंद लाल घोष’ की जन्मस्थली को पर्यटन स्थल बनाने की योजना चल रही है.
कैबिनेट मीटिंग
इसको लेकर प्रदेश कैबिनेट ने योगानंद मुक्तिपुर, असकरगंज के जिस मकान में रह रहे थे. उस आवास की जमीन को निशुल्क उपलब्ध कराने की सहमति दे दी है.
योगानंद की वस्तु
पर्यटन विभाग की ओर से जल्द ही यहां पर्यटन स्थल तैयार किया जाएगा. बता दें कि योगानंद से जुड़ी वस्तुओं को धरोहर के रूप में सुरक्षित रखा जाएगा.
रकम
इसके लिए लगभग 50 करोड़ रुपए खर्च होंगे. यहां 19 करोड़ रुपये की पहली किस्त पर्यटन विभाग को मिल चुकी है.
योगानंद के पिता
योगानंद के पिता भगवती चरण घोष रेलवे में नौकरी करते थे. वह पूरे परिवार के साथ शेख अब्दुल रहीमपुर अच्छन बाबू के मकान में किराए पर रहते थे.
मार्च में मंजूरी
शासन ने इस पूरे पर्यटन स्थल को लेकर मार्च में ही मंजूरी दे दी थी.
संग्रहालय भी होगा
परमहंस योगानंद जिस कमरे में रहते थे, उस कमरे में उनका सामान मौजूद है. पर्यटन विभाग की ओर से जिस जगह पर पर्यटन स्थल बनाया जाएगा, वहां एक संग्रहालय भी होगा.
योगानंद का सामान
संग्रहालय में खड़ाऊं, रुद्राक्ष, मालाएं, लैंप और उनकी पुस्तक संरक्षित रहेगी. आज भी मकान में परमहंस योगानंद का कई सामान मौजूद है.
पर्यटन स्थल
योगानंद जिस मकान में रहते थे उसकी रजिस्ट्री प्रक्रिया जल्द पूरी कर ली जाएगी. पूरा काम करने के बाद इसे पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा और पर्यटन स्थल बनाया जाएगा.